कसे सांगू तुला लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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घनता लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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....डोळ्यांनी लेखनाचा धागा |
वैवकु रीटर्न्स |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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....काही बरे मिसरे लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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(संकेत तरही) थांबायचे नाही लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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खंत (संकेत - तरही) लेखनाचा धागा |
-शाम |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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(तस्वीर-तरही)..जिणे निष्पर्ण झाडागत.. लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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सातवे अ.भा.मराठी गझल संमेलन, आष्टगाव लेखनाचा धागा |
अभय आर्वीकर |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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जात आहे... भेटण्याची वेळ कळवाया तिला लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:57pm |
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जीवनात माझ्या आलीस जशी तू... लेखनाचा धागा |
अ. अ. जोशी |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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कधीच नाही गणले वास्तव...खयाली तरही लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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ती वागली कशीही म्हण चांगलीच आहे लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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द्विमात्रिक गझल... लेखनाचा धागा |
अ. अ. जोशी |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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मुक्या अप्सरेचा मुका गार होता... लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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गझलियत वाटुनी बोट खाशी... लेखनाचा धागा |
विडंबनराव |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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आपलाच पत्ता येर बनला... लेखनाचा धागा |
अ. अ. जोशी |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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हा बदलता चेहरा माझाच आहे ना लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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आज आलो नेमका शुद्धीत मी ..तरही-हझल लेखनाचा धागा |
वैवकु रीटर्न्स |
Jan 4 2019 - 12:19am |
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.. नेमका शुद्धीत मी (तरही) लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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संध्याकाळी तुळशीपाशी ........... लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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असेच काहीसे आहे पण नक्की माहित नाही लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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गझल विभाग व गझलेवरचे प्रतिसाद लेखनाचा धागा |
एक प्रतिसादक |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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जाणले आहे तुला मी .... लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:56pm |
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आतला आवाज माझा,,, लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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भेटुयात की !! लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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घाबरावे लागते ............ लेखनाचा धागा |
वैवकु रीटर्न्स |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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मनाने घेतले आहे नशेचा आसरा घ्यावा लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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मी नाही रडणार उद्या लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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नसतेच कधी जग दिसले इतके सुंदर लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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दाटते आहे निराशा (तरही) लेखनाचा धागा |
वैवकु |
Jan 14 2017 - 7:55pm |
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