लिक्खा करे हैं ..तुम्हे रोज ही मगर.... Submitted by rupeshtalaskar on 31 October, 2011 - 14:39 लिक्खा करे हैं ..तुम्हे रोज ही मगर... ख्वाहीशोन कें खत तुम्हें भेजेही नही,,,,,, एनक लगाके कभी पढनां वो चिठीया.. पल्कोन्के पानीमें रखना वो चिठीया,.... तैरती नजर आयेगी जनाब..... गुलमोहर: चित्रकलाशब्दखुणा: चित्रकलाकिस्से चित्रकलाआठवणीगुलजारलिक्खा करे हैं ..तुम्हे रोज ही मगरशेअर कराwhatsappfacebooktwittergoogle+pinterestemail