बेअसर Submitted by चिन्गुडी on 11 April, 2017 - 02:16 जिक्र तेरा निकले, तो नाम हमारा मशहूर बहुत होता है दवा दो , दुआ दो.... अब तो तेरा जाना भी बेअसर होता है छलकती आशिकी अब भी ये पैमाने से है, ऐ साकी तुने पलट के देखा भी तो 'अब' देखा अधिक तो हम तेरे, कई जमाने से है | विषय: काव्यलेखनशब्दखुणा: बेअसरगझल