सखे
Submitted by अभिदेश on 14 January, 2015 - 13:49
--------------------------------------------------
(२) सखे
--------------------------------------------------
काय सांगू सखे तुला
किती हवी आहेस मला ।
माझा मीच ना उरलो
तुझ्या प्रेमात पुरता अडकलो ।।धृ ।।
जशी आहेस तशीच रहा
माझ्या डोळ्यात प्रेम पहा ।
माझा मीच ना उरलो
तुझ्या प्रेमात पुरता अडकलो ।।१।।
प्रितीचे स्वर घुमत होती दाही दिशांस
वेड लावणारा हा तुझा सहवास ।
माझा मीच ना उरलो
तुझ्या प्रेमात पुरता अडकलो ।।२।।
विषय: