चंद्र जागला ग नभी..

Submitted by विकास सोहोनी on 17 October, 2019 - 05:16

चंद्र जागला गं नभी चंद्र जागला।
कोजागिरी रात्र आज चंद्र जागला ।।धृ.।।

शरदमास पूनवरात्र खेळ रंगला।
आज यौवनात रात्र खेळ रंगला।
नसांनसांत नि मनांत मोद जागला।।१।।

उद्याने आज सखे सजली ही किती।
तरुलतांसी बहर सखे आज हा किती।
आसमंती दरवळला गंध आगळा।।२।।

पूर्ण चंद्र माथ्यावरी लुप्त सावल्या।
लक्ष लक्ष तारका नभात दाटल्या।
कोजागिरी उत्सवात पियुष प्राशल्या।।३।।

रचना :- डॉ. विकास सोहोनी.

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