Submitted by भागवत on 15 July, 2019 - 02:35
पंढरीच्या गावा| वैष्णवांचा मेळा|
भक्तीचा उमाळा| अपरिमित ||
सोहळा कीर्तनाचा| नामाचा गजर|
श्रद्धेचा महापूर| अखंडित||
पांडुरंग ध्यानी| पांडुरंग मनी|
नाम संकीर्तन| प्रवाही||
टाळांचा नाद| मृदुगांचा हुंकार|
विणेची झंकार| संगीतमय||
विटेवरी पांडुरंग| अठ्ठावीस युगं|
भक्तांची रांग| अविरत||
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छान. पांडुरंग हरी.
छान. पांडुरंग हरी.
तद्दन सुंदर लिहिलीये.
तद्दन सुंदर लिहिलीये.
प्राचीन, मन्या ऽ
प्राचीन, मन्या ऽ प्रतिसादासाठी धन्यवाद!!!