असच काही सुचलेलं .........
तू जवळ असलास की
शब्द माझे ओठावरच विरून जातात
खरचं.....
स्पर्शालाही भाषा असते
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तुझी आठवण...
नक्की म्हणू काय?
चंद्र म्हणू तर दिवसाचा विरह
सूर्य म्हणू तर रात्रीचा.....
तुझी आठवण म्हणजे माझा श्वास
तो थांबला की मी संपले
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आजकाल डोळे माझे
मलाच दगा द्यायला लागलेत
हृदयामधल्या गोष्टी सरळ
न विचारता सांगू लागलेत
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तू आणि पाऊस,
दोघेही सारखेच.....
सुरुवातीला शांत रिमझिम
अन मला स्पर्श केल्यावर खट्याळ
तरीही...
हवाहवासा ....
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तुला भेटल्यापासून
सारे काही परके झाले
मन फ़क़्त होते माझे
ते ही तुझ्या अधीन झाले
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कविता कधी सुचत नाही रे वेड्या
त्यासाठी घालवाव्या लागतात कित्येक रात्री
झोपेविना......
तुझ्याविना
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एकदा वेडी कविता मलाच म्हणाली
आजकाल बोलावत नाहीस ग मला तुझ्याकडे
तिला म्हणाल तू आलीस की ते पण येतात ग
ज्यांना रोखायल इतके वर्ष...
माझे अश्रू .....
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- प्रियांका विकास उज्ज्वला फडणीस
छान.. तिसरी सगळ्यात जास्त
छान.. तिसरी सगळ्यात जास्त आवडली..
नं २ आणि ६ आवडले शेवटची
नं २ आणि ६ आवडले
शेवटची अर्धवट वाटतेय.! का बरं असं?
आजकाल डोळे माझे मलाच दगा
आजकाल डोळे माझे
मलाच दगा द्यायला लागलेत
हृदयामधल्या गोष्टी सरळ
न विचारता सांगू लागलेत >>>>>> हे सुरेखच.....
प्रिया ग्रेट मस्त आहेत
प्रिया ग्रेट मस्त आहेत चारोळ्या
तो मी नव्हेच.......
तो मी नव्हेच.......
तू आणि पाऊस, दोघेही
तू आणि पाऊस,
दोघेही सारखेच.....
सुरुवातीला शांत रिमझिम
अन मला स्पर्श केल्यावर खट्याळ
तरीही...
हवाहवासा ....>>>>>>>>>>>>> एकदम मस्त...आवड्या
असे अनेक खयाल वाचनात
असे अनेक खयाल वाचनात आल्यामुळे मला नावीन्य वाटले नाही, पण तू आत्तापर्यंत इथे जे काही लिहिलंस त्याहून हे खूप वेगळं आहे
शुभेच्छा
(No subject)
रिया सर्वच अतिसुंदर
रिया सर्वच अतिसुंदर
बेफि.. +१ शुभेच्छा!!!
बेफि.. +१
शुभेच्छा!!!
सगळ्यांचे आभार उदय बर
सगळ्यांचे आभार
उदय बर
निंबु माहित नाही गं पण त्यावेळी हे असच एवढंच सुचलं
आशय चांगला वाटला. मांडणीत
आशय चांगला वाटला. मांडणीत सफाईदारपणा आल्यास प्रभाव वाढू शकेल.
सुंदर.......
सुंदर.......
उकाका जमेल हळु हळू
उकाका
जमेल हळु हळू मार्गदर्शन असु द्यातच
जादुगारा :धन्स
सग् ल्या कविता चान्ग्ल्या
सग् ल्या कविता चान्ग्ल्या आहेत आव् ड्ल्या
पहिलीच आवडली म्हणून सगळ्या
पहिलीच आवडली म्हणून सगळ्या वाचल्या .... मस्त आहेत...:)
अनलाइक पिरिया पण आवडलं .....नेहमी मी तुझी विडंबनं वाचते नं म्हणून अनलाइक यु...:)
सुंदर.
सुंदर.
वेकु धन्स गं पण मी आता आता
वेकु धन्स गं
पण मी आता आता विडंबन करायला लागलेय नाही तर माझा प्रांत हाच
थँक्स प्रद्युम्नजी