ये कुछ आधे अधुरे पन्ने है - पन्ना १४
Submitted by स्वप्ना_राज on 29 November, 2012 - 01:09
बृच्छ जो धुंडे बीजको, बीज बृच्छके माही
जीव जो धुंडे पीवको, पीव जीवके माही
विषय:
शब्दखुणा:
बृच्छ जो धुंडे बीजको, बीज बृच्छके माही
जीव जो धुंडे पीवको, पीव जीवके माही
फिर किसी शाखने फेकी छाव
फिर किसी शाखने हाथ हिलाया
फिर किसी मोडसे उलझे पाव
फिर किसी राहने पास बुलाया