Submitted by Happyanand on 16 December, 2019 - 06:44
कैसी कशिश है उसमे
नजरे उन ही पे टिकती है।
वो गुस्सा है मुझसे
मगर मोहब्बत सी लगती है।
वो दोस्त है मेरी
मगर चाहत सी लगती है।....
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शायद कुछ उम्रही ऐसी है| हम भी
शायद कुछ उम्रही ऐसी है| हम भी इस मुकाम से गुजरे है|
Hmmm..
Hmmm..