गझल विडंबन
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शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | शेवटचा प्रतिसाद | मुख्य चित्र/फोटो |
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एवढे मी टंकले की, वाचणेही शक्य नाही लेखनाचा धागा | शायर पैलवान | 14 | Jan 14 2017 - 7:56pm | |
गाणी लेखनाचा धागा | शायर पैलवान | 2 | Jan 14 2017 - 7:55pm | |
अभ्यास केला पाहिजे? लेखनाचा धागा | शायर पैलवान | 5 | Jan 14 2017 - 7:55pm | |
बुरख्याआडचे वाढले वार हल्ली लेखनाचा धागा | शायर पैलवान | 13 | Jan 14 2017 - 7:55pm |