सत्संग

Submitted by छाया देसाई on 4 November, 2011 - 16:29

राधा कृष्णासंग अनंग
यमुनाजळी शुद्ध तरंग

हद्द न अडवी
शब्द न वदवी
नी:शब्दात अभंग

स्तब्ध मनोरथ
चित्त कृष्णरत
भाव भाव नी:संग

वेद समजला
कृष्ण गवसला
तरल तरल सत्संग

गुलमोहर: 
शब्दखुणा: 

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