आभार...

Submitted by सत्यजित on 24 July, 2008 - 03:20

बाल कविता विभाग उघडल्या बद्दल आभार!!!

गुलमोहर: 

अर्रे व्वा! तुमचंच अभिनंदन करते मी!
Happy
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काले मेघा काले मेघा पानी तो बरसाओ
बिजली की तलवार नही बूँदों के बाण चलाओ