बापूकुटी - सेवाग्राम
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मुटे धन्यवाद फोटोंसाठी ! कुटी
मुटे धन्यवाद फोटोंसाठी !
कुटी चांगल्या प्रकारे जतन केलीय !
<< कुटी चांगल्या प्रकारे जतन
<< कुटी चांगल्या प्रकारे जतन केलीय ! >> खरंय. याच साध्या कुटीत नेहरू, वल्लभभाई, शास्त्री, इ.इ. रथी महारथी जमिनीवर अंथरलेल्या बैठकीवर बसत [ मौलान आझाद याना पाठीचा त्रास असल्याने फक्त त्यांच्यासाठी छोटं स्टूल असे] !!!
सुरेख फोटो. बापूजींसंबंधित
सुरेख फोटो. बापूजींसंबंधित सर्व लिखाण, फोटो माझं अतिशय आवडीचं. - धन्यवाद.
छान फोटो...
छान फोटो...
किती सुंदर परिसर आहे!
किती सुंदर परिसर आहे!
उत्तम प्रकाशचित्रे मुटेजी
उत्तम प्रकाशचित्रे मुटेजी
भारलेली वास्तू आहे हि. तो
भारलेली वास्तू आहे हि.
तो वर्तूळात हरणटोळ आहे का ?
छान
छान
धन्यवाद गंगाधरजी किती सुंदर
धन्यवाद गंगाधरजी
किती सुंदर परिसर आहे!>>>>+१
आता माणसांची वर्दळ कमी झालेय
आता माणसांची वर्दळ कमी झालेय इथली वाटते. वरिल फोटोत काही लोकांचा घोळका तेवढा दिसतोय! आम्ही इकडे असताना बर्यापैकी गर्दी असायची इथे, म्हणूनच सध्या सापांच प्रमाण वाढलेले दिसतय.
छान प्रकाशचित्रे!
<< आता माणसांची वर्दळ कमी
<< आता माणसांची वर्दळ कमी झालेय इथली वाटते > > मलाही हें तीव्रतेने जाणवलं ! [ गांधीजींचा पहिला आश्रम चंद्रपूर -मूळ रस्त्यावर अगदीं आडगांवी होता ( खूप वर्षांपूर्वी तिथं गेलो होतो; अजूनही तिथें तो असावा); पण गांधीजींशी चर्चा करण्यासाठी नेहमी येणार्या राष्ट्रीय नेत्याना तिथं जाणं फारच गैरसोयीचं व्हायचं म्हणून वर्ध्याचा हा आश्रम स्थापण्यात आला होता].
सुरेख फोटो. मला बघायचे आहे
सुरेख फोटो. मला बघायचे आहे सेवाग्राम एकदा.
छान
छान
फार छान!
फार छान!
मागच्या वर्षी सेवाग्राम ला
मागच्या वर्षी सेवाग्राम ला भेट देण्याचा योग आला होता.
खुप शांत आणि रम्य वातावरण असतं या परीसरात आणि बापु कुटी ची निगा पण छान राखली गेली आहे.
दिनेशदांना अनुमोदन! भारलेली
दिनेशदांना अनुमोदन!
भारलेली वास्तू वाटते ही!
आणि छान जतन केलीये.
आम्हा वर्धेकरांना अभिमानाची
आम्हा वर्धेकरांना अभिमानाची वास्तू म्हणजे बापूकुटी.
परंतु वर्ध्यात आज ही अनेक महाभाग आहेत की ज्यांनी अजून बापूकुटी पाहिली नाही .
वर्ध्यात अनेक वास्तू अशा आहेत की ज्यांत गांधी, नेहरु, सरदार पटेल, मौ. आझाद, सरहद्द गांधी,इत्यादी
महाभागांनी वास्तव्य केले.
त्या खुणा अजूनही जपणार्या मगनवाडी, दत्तपूर, सेवाग्राम, महिलाश्रम, पवनार्,बजाज यांचे लक्ष्मीनारायण मंदिर,गोपुरी, विश्व शांति स्तुप,
अशा असंख्य वास्तू आहेत.
आम्ही शाळेत असताना ५-६
आम्ही शाळेत असताना ५-६ महिन्यातुन एकदातरी सायकल वर जायचो वर्ध्याहुन .
गर्दी मुळीच नाही , त्यावेळी बरिच वर्दळ असायची ( ३०-३२ वर्षांपुर्वी).
<<< तो वर्तूळात हरणटोळ आहे का
<<< तो वर्तूळात हरणटोळ आहे का ? >>>>>
नक्की माहीती नाही. पण वेलीवर किंवा झाडावर आढळतो.
कदाचित हा "Bronze back tree snake" असावा.
हे सर्व फोटो मी मोबाईलने काढलेले आहेत.
सुंदर.
सुंदर.
हे सर्व फोटो मी मोबाईलने
हे सर्व फोटो मी मोबाईलने काढलेले आहेत.
----- फोटो सुरेखच आहे...
गांधीजींचा पहिला आश्रम चंद्रपूर -मूळ रस्त्यावर अगदीं आडगांवी होता ( खूप वर्षांपूर्वी तिथं गेलो होतो; अजूनही तिथें तो असावा); पण गांधीजींशी चर्चा करण्यासाठी नेहमी येणार्या राष्ट्रीय नेत्याना तिथं जाणं फारच गैरसोयीचं व्हायचं म्हणून वर्ध्याचा हा आश्रम स्थापण्यात आला होता].
---- चंद्रपूर किंवा नंतर सेवाग्राम, वर्धा यांचीच आश्रमासाठी निवड का झाली? तेथे असे काय होते / आहे जेणेकरुन गांधीजींना तेथे आश्रम स्थापन करावा असे वाटले होते. देशाच्या मध्यभागांत होते म्हणुन का अन्य काही कारणे आहेत?