गेल्या दिडएक वर्षात एक से बढकर एक ट्रेक झाले होते.. माझी ट्रेक करण्याची सुरवातच मुळात रायगडपासुन झाली होती.. पण गडांचा राजा, राजियांचा गड असा "राजगड" मी काही अजुन पाहिला नव्हता !! तेव्हा यंदा पावसाळी ट्रेकचे उद्घाटन "राजगड वारी" ने च करण्याचे ठरविले !
याच राजगडावरुन अनुभवलेली अवर्णनिय अशी संध्याकाळ प्रकाशचित्रांतून मांडण्याचा प्रयत्न करत आहे.. तशीच्या तशी प्रकाशचित्रे इथे मांडतोय.. चूका काढण्यास भरपूर वाव आहे.. पण क्षमस्व ! हाती वेळच फार कमी होता.. कारण असलेले पावसाळी वातावरण.. पसरलेले दाट धुके.. सुटलेला सोसाट्याचा वारा.. नि क्षणाक्षणाला बदलणारे वातावरण ! त्यामुळे माझे लक्ष्य एकच होते.. शक्य तितके दॄश्ये कॅमेर्यात बंदिस्त करण्याचे.. जसे डोळे झाकुन बंदुकीने गोळ्या माराव्यात अगदी त्याच आवेशात मी कॅमेरा क्लिक करत गेलो..
सूर्याचे दर्शन नाही पण तरीही अतिशय देखणा असा सुर्यास्ताचा सोहळा बघण्याचा आस्वाद घेता आला.. प्रत्यक्षात पहावा असा सूर्यास्त इथे माझ्या परीने दाखवण्याचा हा प्रयत्न
(ढगांचे "तोरणा" किल्ल्यावर आक्रमण.. )
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(दिमाखदार सोहळा बघण्यात गुंग असलेले माझे सहकारी )
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बाकी राजगड दर्शन लवकरच....
यो सही रे .
यो सही रे .
रंग मस्त. शेवटचा फोटो आवडला.
रंग मस्त. शेवटचा फोटो आवडला.
आयला, हे फोटो मी आधी कसे
आयला, हे फोटो मी आधी कसे पाहिले नाहीत...काय टेरिफिक कलर्स आहेत रे...च्यामारी असे वाटते कुणीतरी हातात येतील तेवढे रंग आकाशात उधळले आहेत मनसोक्त
अप्रतिम..... I am
अप्रतिम..... I am JJJJJJJJJJJJJJJJJJ....kharach anandane veda hoil manus nisargachi hi udhlan pahun
झकासच!!!!
झकासच!!!!
फारच अप्रतिम फोटो. रंगांची
फारच अप्रतिम फोटो. रंगांची उधळण काय दिसतिये! सुंदर.
खरच कसले जबरी.... मी तर वेडाच
खरच कसले जबरी....
मी तर वेडाच झालो असतो
वॉव, ग्रेट फोटो......
वॉव, ग्रेट फोटो......
ज ह ब ह री
ज ह ब ह री
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