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Anilbhai
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| Wednesday, January 11, 2006 - 8:26 pm: |
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नाय बॉ आमच्यात एवढी हिम्मत खुले आम प्यायची तुझ्यासारखी.
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Ninavi
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| Wednesday, January 11, 2006 - 9:16 pm: |
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चंपक, ते बहुधा तुला म्हणतायत. अनिलभाई, मॉड आहात म्हणून उत्तर देत नाहीये हां तो!
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Dineshvs
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| Thursday, January 12, 2006 - 1:26 am: |
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हि नीरा फ़ार आरोग्यदायी असते. अगदी सुकवली तरी त्यातले कॅल्शियम शाबुत राहते, असे कमला सोहोनी यानी सिद्ध केले होते. तिच्यापासुन गुळ केला तरि तोहि तितकाच पौष्टिक असतो. तेंव्हा भाई, निनावि सगळ्यानी खुले आम नीरा प्या. यासाठी तरि बहाना शोधायची गरज नाही.
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After reading the only one word I have Amazing and mind blowing.... after doing pain ful shift for a 9 hrs and then two hrs travel from andheri to sanpada in the midnight at 2.20 am no doubt i have a nice time .... This is something you never expected in your life that this topic could be so much interesting ... Hats off
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Birbal
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| Sunday, January 15, 2006 - 1:30 pm: |
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फ़ारच छान दिनेश. मुंबईच्या आठवणी जाग्या झाल्या. असेच लिहित रहा
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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