|
Ashu
| |
| Wednesday, January 10, 2007 - 3:42 pm: |
| 
|
Ajun ya vishayavar konich kahi kase lihie nahi, sagale vachun kata aala angavar.chotya chotya 37 mulanna marun takale aani ajunhi navin navin purave milatach aahet
|
Ashu
| |
| Wednesday, January 10, 2007 - 3:46 pm: |
| 
|
भारतात दिल्ली सारख्या शहरात देखिल मुले सुरक्शित नाहित?हे म्हणजे नुसते पैशासाठी मुले पळवणे नाही तर सरळ सरळ त्यान्न सम्पविणेच, फ़ारच भयानक आहे.
|
|
|
|
मायबोली |
 |
चोखंदळ ग्राहक |
 |
महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
|
व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
|
पांढर्यावरचे काळे |
|
गावातल्या गावात |
|
तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
|
आरोह अवरोह |
|
शुभंकरोती कल्याणम् |
|
विखुरलेले मोती |
|
|