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Jtudct
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| Wednesday, September 26, 2007 - 6:02 pm: |
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hi frnds , myself Jitendra Tongaonkar ,am from Chopda now in Mumbai doing m.Tech
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Chetnaa
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| Sunday, September 30, 2007 - 9:10 am: |
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वेलकम गिरिश, जितेंद्र... अरे इकडे येतच नाही फ़ारसे कुणी... तुम्हाला छान टी पी करायचा असला तर अंताक्षरी आणि कुवेत बी बी वर येत जा.. मी असते तिकडे... माझ्या गावात..... आउटसाईड इंडीया... मग मिडल इस्ट.. अन कुवेत बी बी... असे या तिकडे...
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Chetnaa
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| Sunday, September 30, 2007 - 9:12 am: |
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जितेंद्र, बाजुला देवनागरी लिहिलय.. तिथे क्लिक करुन मराठीत लिहित जा... छान वाटते मराठीत लिहायला... वाचायला..
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वो चेतना ताई, येता आहेत लोकं इकंड गावा कडं आणि तुम्ही त्याना कुठ घेऊन चालले कुवेत ला........ येथे खालि होउन जाईल ना........ आधिच अहिराण मंडळ खाली खाली राहते.........
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Chetnaa
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| Monday, October 01, 2007 - 6:01 am: |
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गणेश आसा येत रहा की मग... जरा हालचाल वाढु द्या.. मग आणु कुवेतकरांना इकडे...
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न्मस्कार मडळी कसे आहात सगले ज़ीथे बोल्ण्यासाठी श्ब्दाची गरज नसते दाख्वय्ला हास्याची गरज नसते दु:ख दाख्वय्ला आस्वान्ची गरज नसते न्बोलता ज़्याम्घ्ये सारे सम्जते त्यालाच आपुल्की असे म्हन्तात Pl pass on my compliments to him.
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Chetnaa
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| Wednesday, October 03, 2007 - 2:25 am: |
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सुप्रभात लोक्स... आहे का कोणी? गिरिश कुणाला पास ऑन करायचय? आणि जिथे जिथे तुझा शब्द जोडला गेलाय तिथे a लिहायची गरज आहे. तसे लिहुन बघ... }
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Chetnaa
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| Wednesday, October 03, 2007 - 2:29 am: |
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जिथे बोलण्यासाठी शब्दांची गरज नसते.... दाखवायला हास्याची गरज नसते... दु:ख दाखवायला आसवांची गरज नसते... न बोलता ज्यामधे सारे समजते त्यालाच.... आपुलकी असे म्हणतात..
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चेतना ताई, कुवेत वाले आलेच नाही........?
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चेतना गनेश मला तुमचे E Mail Id या servicedesk.aur@raymondindia.com OR girishpatil15@yahoo.com ID वर पाठवा
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हुरेरे!!!!!!! मी पन आलो रे आज...... नेहमी येत राहिन ..ख़ुपच मजा वाट्ली... मीत्रानो!!!!!!! मी पन खान्देशातला ..... चोपड्याचा .....पन आता मुम्बई त राहातो....
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Amol4572
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| Wednesday, December 19, 2007 - 4:03 pm: |
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चेतना, तुझे मराठी व्याकरण आणि शब्दोच्चार किती स्वच्छ आहे! म्हणून तुला कॉम्प्लिमेन्ट्स देतोय. मी नुकताच अहिराणी मन्डळाला जॉईन झालोय. तेव्हा भेटूच. अरे हो, माझी ओळख करून द्यावयाची रहिलीच, मी अमोल शिम्पी.
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Dear all, WISH YOU ALL A VERY HAPPY AND PROSPEROUS NEW YEAR Rg Girish
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Chetnaa
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| Saturday, December 29, 2007 - 1:48 pm: |
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गिरिश मेल आयडी पाठवते.. बाकी सारे.. कसे शेतस रे भो? नविन वर्षाच्या आगाऊ(?) शुभेच्छा!
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राम राम, कोनी दीसत नही
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राम राम मनडई कसा सेतस सगला मजमाना ? . . मराठी पुसत्सक वाचना वतीन तर http://ebooks.netbhet.com/ या वेब साईट वर जावाना एकदम मस्त साईट से
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००६ |
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