होळी च्या हर्दिक शुभेच्छा..........
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Mahaguru
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| Friday, March 21, 2008 - 10:02 pm: |
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होळी च्या शुभेच्छा ! अम्या पुण्यात आलास का?
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कभी तनहाईयो मे भी हमारी याद आएगी..............
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Ammi
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| Wednesday, March 26, 2008 - 3:37 pm: |
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kuthe gele samde gawwale..laich kaam distay..
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राम राम मंड्ळी अम्या पुण्यात आलास का >>> तुम्ही हि पुण्यात आहात काय गुरु?
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Ammi
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| Friday, March 28, 2008 - 1:53 pm: |
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kaay guru tumhi punyat aala aani aamhala sangitlach nahi...
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tumhi punyat aala aani aamhala sangitlach nahi>>>> आरे काहि तरी खम्बळा असेल... दिवे घ्या.
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Ammi
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| Monday, March 31, 2008 - 3:11 pm: |
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kuthe gele sagle busy udgirkar.... (khaple mhanayala pahije hota )
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Shyamli
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| Wednesday, April 02, 2008 - 10:01 am: |
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आता हे पण तिकडे जाणार, नुसतच उदगीर नको, तिकडे मराठवाडा करा हो ऍडमीन
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Ammi
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| Wednesday, April 02, 2008 - 12:57 pm: |
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guru....kaay khambla aahe...sanga aamhala jara....aamhi kunala bi sangnaw ho..
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Mahaguru
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| Wednesday, April 02, 2008 - 5:23 pm: |
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राम राम मंडळी मी पुण्यात आलो नव्हतो सहज विचारले कि पुण्यात आलागेला होतास का? नको admin , उदगीर चे स्वतंत्र अस्तित्व पाहिजे. औरंगाबाद चे लोक स्वतःल पुणेरी समजतात आणि नेहमीप्रमाणे लातुर जिल्हावासियांवर खार खाउन असतात.
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Shyamli
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| Wednesday, April 02, 2008 - 5:45 pm: |
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आपण नाय बा कधी खार खाल्ला कोणावर,आणि आम्हि पुणेरी पण नाही समजत हो स्वत:ला, उगाच कायतरी.
पण लातुरजिल्ह्यातले लोकच अडमुठ असतात त्याला कोण काय करणार :D राहिलं.... राहु दे तुमच उदगीर स्वतंत्रच
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Mahaguru
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| Wednesday, April 02, 2008 - 5:51 pm: |
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बोला ... निडेबन संघर्ष समितीचा विजय असो
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Shyamli
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| Wednesday, April 02, 2008 - 6:02 pm: |
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विरुद्ध मी एक औरंगाबादकर माझा कसा निभाव लागायचा म्हणुन मी आपली माघार घेतली आत्ता पुरती अजय, कुठे आहात? औरंगाबादचा बाफ पण हवा तिकडे
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Itgirl
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| Wednesday, April 02, 2008 - 6:26 pm: |
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श्यामले, मी येऊ का तुझ्या मदतीला? मी औरंगाबादकर नाही पण माझे एक चुलत आजोबा रहायचे ग पूर्वी औरंगाबदला एवढं पुरेसं आहे का नाही??
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Shyamli
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| Wednesday, April 02, 2008 - 6:34 pm: |
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है शाब्बास ये ये
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ओहो... काल इकडे बरीच गडबड झालेली दिसते. पण माला एक कळलं नाहि उदगीर औरंगाबादच्या भांड्णात पुणेकर कशाला नाक खुपस्तात. दिवे घ्या. मी एक औरंगाबादकर माझा कसा निभाव लागायचा >>> 'देवी' आली आस्ति तुझ्या मदतीला धावून... निडेबन संघर्ष समितीचा विजय असो...
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Itgirl
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| Thursday, April 03, 2008 - 4:23 am: |
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...पुणेकर कशाला नाक खुपस्तात. .... तेच म्हणतेय मी पण!! कशाला नाक खुपसतोस रे योगेश पुण्यात राहून दिवे देत नाहि, वीजेची बचत करावी म्हणत्ये तळटीप टाकू का??
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आयटे मी पुण्यात रहातो पण पुणेकर नाही... बेंगलोरकरांनी तरी कशाला नाक खुपसवे वीजच नाहि तर बचत कुठून करणार आम्हि. म्हणुन दिवे.
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Admin
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| Thursday, April 03, 2008 - 5:42 am: |
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