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hi milind pune kase aahe
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Radhe
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| Monday, July 16, 2007 - 9:27 am: |
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अरे पंकज किती भटकतोस रे, अशाने तब्बेतीवर परिणाम होइल. खुप दिवसांपासून आपली भेट नाही. हल्ली तू जिल्हा परिशदेमध्ये पण येत नाहीस. बाकी तुझा गावकरी परिवार आंनदात असेलच. सुनील आणि चरनचीही भेट नाही.
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ह्या विभागात फ़क्त गावाचा बी बी उघडण्याची अपेक्षा आहे.
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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