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By Rangy (Rangy) on Friday, June 9, 2000 - 05:56 pm: कसं काय हितगुजकरानो, बरा असा मा? गजाली मारुचो ह्यो आपल्या कोकणीच काय सगल्याच मायबोलीकरांचो कसो आवडतो छंद. आठवता काय तुमका ती तांबडी माती, ती कौलारू घरं, बाजुची मंगर, आंबे, फणस, करवंदीचो जाल्यो, आणि ती सादी-सुदी प्रेमळ माणसा. आठवत आसत तर हयसर वायच टेकून जावा. ४ शब्द आपल्या भाषेतले कानावर पडताच कसा बरा वाटता ते बघा. हय लिवाक तुम्ही कोकणीच असूक व्हाया, किंवा तुमका मालवणी येवाकच व्हयी असा काय नाय. पण ह्या मात्र खरा की हयसर येत रवत तर तुमका मालवणी आपोआप बोलाक येयत.. चला तर चालू करा गजाली.
Neelu_n
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| Friday, March 28, 2008 - 10:15 am: |
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>>>तेका सतत दर्शन देता म्हणान हयसर सूर्याचा दर्शनच नाय गो!! सतत मेलो पाऊस!! शैलु तु पण ना... गो स्वातीSS सोड आता त्या सुर्याक.. बंगलोरात बघ काय परिस्थिती आसा ती.
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Itgirl
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| Friday, March 28, 2008 - 10:59 am: |
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अजून स्वातग्यान पूर्णपणे पकडूक नाय आसा त्या सूर्याक, अन नीलूताय तू आत्ता पासूनच सोडूक काय सांगतय गो? स्वातग्या, तुझा चलांदे हां आणि दर्शन देऊक नाय म्हणजे कसा?? नोटीस काढ कडक भाषेत!! रोजच्या रोज दर्शन देऊकच व्हया!!
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Swa_26
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| Friday, March 28, 2008 - 11:25 am: |
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सगळ्या गजालीर सुर्व्याचीच सावली दिसताहा!! गजाली तापेल मा?? येतीत तरी काय कोण मगे हयसर? सोडा बघु तेका आता! आयटे, निलु.
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दिवसापण दिसणां नाय म्हणान, सूर्याक एक नोटीस पाठव, स्वातीच्या लग्नादिवशी तर, दिवसा काय रात्री पण उगव...
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Lalu
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| Friday, March 28, 2008 - 1:08 pm: |
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नमस्कार गजालीकर. स्वाती, शॉपिंग झाला का नाय? कच्चे तांदूळ खाल्लेस काय गो, तर लग्नांत सूर्य दर्शन देऊक नाय. मेलो पाऊस. नीलगे, बिझी आसंस काय.. तू पण भेटणां नाय पार्कात. cbdg
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उसगावकर आज कशे काय हडे इले? नमस्कार सगळ्यांका!!! विसरलात नाय न माका?
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हे काय आज मीय इलय तर हयसर बोलुक कोणीच नाय...
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Neelu_n
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| Saturday, March 29, 2008 - 4:59 am: |
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शुभ फाटफट गो रुपल्या (वा वा बरेच दिवासान हाक मारुन बरा वाटला.) आसय मिया.. बोल तु कशी आसस? तुका बाय कोण ईसरात? अगो हाली कोन येवकच बगना नाय. तो भ्रमर खय विहार करता देव जाणे. योग्या, शिवम, भावना, महेश आणि काका पण सगळीजणा गायब एकदम लालु, त्यादिवशी येवचा होता गो पण नाय जमला. तुका भेटुचा होता. मुख्य म्हणजे चाकलेटा रवली विनयानु
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नीलुताई खुप दिवसांनी भेटलीस बघ... मस्त वाटतय.. काल रात्री याहू मेसेंजरवर लोपा भेटली.. मस्त गप्पा मारल्या तिच्याशी... सगळे विसरले की काय गजालीला?
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Neelu_n
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| Saturday, March 29, 2008 - 5:25 am: |
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बघ ना सगळे विसरले.. ती लोपाने तर गजालीचे नावच टाकलय. तु कुठे आहेस ऑफिसात की घरी?
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Swa_26
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| Saturday, March 29, 2008 - 5:33 am: |
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नमस्कार गजालीकरानु... शॉपिंग चल्ली हा गो, लालु. आपली भेट नाय झाली ना पार्कात विनय, चारोळे मस्त सुचतत तुमका! होय गो निलु, काल पण तु, मी नि आयटीच होतो हयसर हाय रुप्स!
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Neelu_n
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| Saturday, March 29, 2008 - 8:14 am: |
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ह्या आयटी खय गेला आता? विनय खातत चारोळे म्हणुन लिवतत चारोळे आमका जमनत नाय चारोळे कारण आमी खानव नाय चारोळे एका चारोळीचो खुन्SSS आसा काय कोण???????????????
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Ldhule
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| Saturday, March 29, 2008 - 5:17 pm: |
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कशे आसास सगळे ? जरा कामाच्या बोज्याखाली चिराडलय हाली तेवा हयसर येवक गावत नाय.
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Ambar
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| Sunday, March 30, 2008 - 10:22 am: |
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आज काय रयवार असा म्हणान येवाक नाय का काय कोण?नीलुताय कशी असस?काका आयडी विसरलेका काय?
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Admin
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| Monday, March 31, 2008 - 4:34 am: |
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गजाली BB आता इथे हलवला आहे /node/1562
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