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Svsameer
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| Saturday, September 29, 2007 - 8:07 pm: |
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अज्जुजा हार्दिक अभिनंदन. बी जरा कधी कधी मायबोलीच्या मुख्यपृष्ठावर देखील जाउन पहावं. बर्याच प्रश्नांची उत्तरं मिळतील.
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Kedarjoshi
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| Saturday, September 29, 2007 - 8:19 pm: |
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अभिनंदन अज्जुका. .. ..
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Runi
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| Sunday, September 30, 2007 - 4:21 am: |
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अज्जुका सा. सकाळच्या यशाबद्दल हार्दिक अभिनंदन.
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हार्दीक अभिनंदन अज्जुका. .. ..
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Ajjuka
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| Sunday, September 30, 2007 - 4:28 am: |
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अरे... वीकेन्डला सुद्धा एवढे मेसेजेस.. सहिच... थेन्कू थेन्कू!!
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Boss
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| Sunday, September 30, 2007 - 6:37 am: |
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अज्जुका.. हार्दिक अभिनंदन Keep it up..
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Athak
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| Sunday, September 30, 2007 - 6:50 am: |
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अज्जुका हार्दिक अभिनंदन , असेच उत्तरोत्तर यश तुला मिळत राहो
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Supermom
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| Sunday, September 30, 2007 - 1:18 pm: |
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अज्जुका, खूप खूप अभिनंदन. असेच यश उत्तरोत्तर तुला मिळो ही सदिच्छा. वाचून खूप आनंद झाला. कीप इट अप.
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Shyamli
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| Sunday, September 30, 2007 - 5:10 pm: |
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मयुरेश वाढदिवसाच्या खूप खूप शुभेच्छा निरजा हार्दिक अभिनंदन
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Zakasrao
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| Monday, October 01, 2007 - 3:42 am: |
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थेंकु थेंकु???????/ अज्जुके काल गुजराती थाळी हादडलेली दिसतेस मयुरा तुला एक दिवस उशीराने वाढदिवसाच्या शुभेच्छा रे.
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Ajjuka
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| Monday, October 01, 2007 - 4:04 am: |
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हा हा हा झकोबा गुड वन... परत सगळ्यांचे आभार!!
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Arun
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| Monday, October 01, 2007 - 4:13 am: |
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मयुरेश : वाढदिवसाच्या थोड्याश्या उशिराने शुभेच्छा ............
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Milya
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| Monday, October 01, 2007 - 5:55 am: |
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अज्जुके हार्दिक अभिनंदन गं ..... keep it up
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मयुरेश वाढदिवसाच्या खूप खूप शुभेच्छा अज्जुका, खूप खूप अभिनंदन.
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Monakshi
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| Monday, October 01, 2007 - 10:41 am: |
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हाय अज्जुका, खूप खूप अभिनंदन.
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अज्जुका, अभिनंदन! मयुरेश, वाढदिवसाच्या शुभेच्छा! विश्वनाथनने बाजी मारली, त्याचंही त्रिवार अभिनंदन!!!
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Shyamli
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| Monday, October 01, 2007 - 12:06 pm: |
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हो विश्वनाथन विश्वजीत झाला त्याचही अभिनंदन
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Sashal
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| Monday, October 01, 2007 - 4:34 pm: |
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अज्जुका अभिनंदन .. कथा खूपच छान लिहिली आहेस / होतीस ..
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Mepunekar
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| Tuesday, October 02, 2007 - 2:23 am: |
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अज्जुका, तुझं हार्दिक अभिनंदन!
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Dineshvs
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| Tuesday, October 02, 2007 - 3:20 am: |
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साप्ताहिक सकाळने पाच पारितोषिक विजेत्या कथा निवडल्या आहेत. त्याना क्रमांक दिले नसले तरी परिक्षक प्रा. रा. ग. जाधव यानी केवळ अज्जुकाच्या कथेचीच प्रशंसा केली आहे. तसेच अज्जुकाची ओळख करुन देणारी जी चौकट आहे त्यात तिने, मायबोली संकेतस्थळावर सहा वर्षे सातत्याने लेखन, असे लिहायला लावले आहे. आपल्याला अभिमान वाटावा, असा हा उल्लेख आहे.
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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