Mmr
| |
| Friday, September 28, 2007 - 3:44 am: |
|
|
mala he kalalech nahi ki nisha hi adhich meli ahe ka? ki ti jevha bhutache dole sumjoon hartattack yeoon merte .ani te attack yeoon merte ter phon nuntr kerte ka ? thoda maza gondul zala ahe katha sumjayla. koni explain kroo shukal ka?
|
Jo_s
| |
| Friday, September 28, 2007 - 6:35 am: |
|
|
चाफा छानच जमल्ये सुधीर
|
Chaffa
| |
| Friday, September 28, 2007 - 12:19 pm: |
|
|
संघमित्रा आगदी बरोबर बोललात तसाच शेवट सगळ्यांनाच अपेक्षीत असेल असे मला वाटले म्हणुन शेवट बदलला.
|
>> mala he kalalech nahi ki nisha hi adhich meli ahe ka? निशाचे तुम्हालाच माहीती. इथे फक्त स्वप्नाबद्दल माहिती मिळेल
|
Mmr
| |
| Saturday, September 29, 2007 - 10:06 am: |
|
|
sorry mala tech wicharyche ahe ki swpna adhich meleli ahe ka?
|
चाफ़्या... पुढच्या वेळेला तुला विषय देताना हजारदा विचार करायला हवा. माझ्या रोमॅंटिक स्टोरीचे पूर्ण भूत बनवलेस.
|
Manjud
| |
| Wednesday, October 03, 2007 - 6:24 am: |
|
|
कथा कल्पना नंदिनीची होती तर......बरं झालं चाफ्या तूच कथा लेखन केलंस आणि रहस्यकथा लिहिलीस नाहितर नंदिनीची रोमॅंटीक कथा म्हणजे..........
|
Kts
| |
| Wednesday, October 03, 2007 - 12:50 pm: |
|
|
चाफा, मी मायबोलीवरच तुझं लिखाण बर्याच दिवसापासुन वाचतोय. ख़रचं खुप सुन्दर लिहीतोस रे. तुझं प्रोफेशन काय आहे म्हणजे तु लेखक वगैरे आहेस का?
|
Chaffa
| |
| Wednesday, October 03, 2007 - 4:41 pm: |
|
|
नाही kts मी लेखक वगैरे नाही असंच दोस्तलोकांच्या आग्रहामुळे लिहीतो काही बाही बस्सऽऽऽऽऽ
|
Aashu29
| |
| Thursday, October 04, 2007 - 9:42 am: |
|
|
चाफ़्फ़्या, तुझं काहिबाहि लिखाण मस्तय रे, आता वाचलं, जाम आडेश!!
|