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Archive through February 28, 2008

Hitguj » My Experience » बहु(जनांकडून)श्रुत » गाणे ओळखा » Archive through February 28, 2008 « Previous Next »

Ajjuka
Tuesday, February 26, 2008 - 4:17 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अरे ह्या अभिला आवरा.. त्याला सगळी गाणे तोंडपाठ आहेत बहुतेक. :-)

Zelam
Tuesday, February 26, 2008 - 5:41 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

Anky01 मी उत्तर नव्हतं दिलं हो, तुमच्या आधीच्या post चा reference घेतला होता, बाकी चालुद्या तुमचं.

Nandini2911
Wednesday, February 27, 2008 - 3:12 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

परत एकदा सोप्पे गाणे..
मौत मेरी तरफ़ आने लगी
जान तेरी तरफ़ जाने लगी...


Ankyno1
Wednesday, February 27, 2008 - 4:55 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

आजा रे...
अब मेरा दिल पुकारा...
रो रो के गम भी हारा...
बदनाम न हो प्यार मेरा....

सिनेमा: आह


Ankyno1
Wednesday, February 27, 2008 - 5:05 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे सांगा...

हरे ख्वाब की ये हरी चूडियाँ
कलाई मे किसने भरी चूडियाँ
उठी नींद से
चली आई मै
साथ ही आ गई मेरी चूडियाँ


Abhi_
Wednesday, February 27, 2008 - 6:54 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

छन से बोले, चमक के जब चरार(?)ले
ख्वाब देखा, है ऑंख का खुमार बोले
ख्वाब छलके तो ऑंख से टपक के बोले
झरना छलके तो पूरा आबशार बोले

श्रेया घोशाल / शांतनू मोईत्रा / गुलझार / अल्बम : यहॉं


Ankyno1
Wednesday, February 27, 2008 - 10:25 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे ओळखा....

वो जिसकी खातिर तोडूं
मै दुनियाभरकी रसमें
करे जो वादे पूरे
निभाए सारी कसमें


Abhi_
Wednesday, February 27, 2008 - 11:24 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

ना पैरों मैं पायल, ना हाथों मैं कंगना
चली मैं चली मैं चली
हो ना ऑंखो मैं काजल ना माथे पे बिंदीया दीवाने की ढुंढू गली

i wanna show my body groove the nite away
चाहे बस चाहे यह दिल दिलबर को पाना रे
हल्ला रे हल्ला रे हल्ला रे

श्वेता पंडित, सलीम मर्चंट, इर्शाद काम्मील / निल एन निकी / सलीम सुलेमान


Ankyno1
Wednesday, February 27, 2008 - 11:37 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अभी.. बरोबर आहे...

आता ओळखा पाहू....

ऐसा लगे है
अब तो मुझको
आज ही जैसे देखा तुझको
लगता है मै भी
ढूंड रहा था
आज अचानक पाया तुझको


Shraddhak
Wednesday, February 27, 2008 - 11:59 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

श्या, चालीसकट हे कडवं आठवतंय. पण गाणं आठवत नाहीये. थोड्या वेळात आठवेल पण काय उपयोग, अभी येऊन लिहून टाकणारच आहे. :-(

Ankyno1
Wednesday, February 27, 2008 - 12:05 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

चाल अठवत असेल तर गुणगुणून पहा

पुढचं ही आठवेल....


Shraddhak
Wednesday, February 27, 2008 - 12:25 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

ठंडी मे पसीना चले
ना भूख ना प्यास लगे
यार येही प्यार तो नही?
डॅडी से पूछूंगा

तन मे बरफ़ ढले
जिगर मे आग जले
यार येही प्यार तो नही?
डॅडी से पूछ लेना

गुड्डू. ( बाकी डिटेल्स आता अभि देईलच. :-P )

हुश्श.. पहिल्यांदा गाण्यात शाहरुख खान आहे एवढं आठवलं. नंतर मग गाण्याचं picturization आठवलं. मग गाणं आणि अर्थात सिनेमाही आठवला.
:-P

Abhi_
Wednesday, February 27, 2008 - 2:00 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

श्र :P
आता म्हणालीच आहेस तर देतो डिटेल्स
कुमार सा(शा)नू, देवकी बोस / मजरुह सुलतान्पुरी / नौशाद


Nandini2911
Thursday, February 28, 2008 - 4:33 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

चान्द से भी तुम हसीन हो, नजदीक आओ ज़रा
चान्द के निकलने तलक तो, तुम जगमगाओ ज़रा

परत एकदा सोप्पं गाणं...





Ankyno1
Thursday, February 28, 2008 - 4:55 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

सोच के ये गगन झूमे
अभी चाँद निकल आएगा
झिलमिल चमकेंगे तारे
सोच के ये गगन झूमे

चित्रपट्- ज्योती
लता मन्ना डे


Ankyno1
Thursday, February 28, 2008 - 4:59 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

दामन न बचाना मेरे हाथोंसे
अरमाँ के गलेसे लग जाना
जले चाँद सितारे जिन बातोंसे
सुन जा वहीं अफसाना

सोप्पं आहे


Samira
Thursday, February 28, 2008 - 5:02 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

ओ निगाहे मस्ताना
देख समा है सुहाना
तीर दिल पे चलाके
हा जरा झुक जाना ओ हो


Aaftaab
Thursday, February 28, 2008 - 5:26 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

आता हे ओळखेल त्याला एक चॉकलेट बक्षिस..

गुनगुनाती हुइ निकली है नहा के जब भी
अपने भीगे हुए बालोसे टपकता पानी
मेरे चेहरे पे छिटक देती है तू टिक्कू की बच्ची..


Abhi_
Thursday, February 28, 2008 - 6:23 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

एकही ख्वाब कई बार देखा है मैंने
तूने सारी मैं उरस ली है मेरी चाबिया घर की
और चली आयी है
बस यू ही मेरा हाथ पकड कर
एक ही ख्वाब कई बार

किनारा / भूपिंदर / गुलझार / आर. डी. बर्मन


Psg
Thursday, February 28, 2008 - 6:44 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

इतके दिवस मला अँकीच ग्रेट वाटायचा.. पण अभ्या.. तू तर महान आहेस! :-)

चोखंदळ ग्राहक
महाराष्ट्र धर्म वाढवावा
व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत
पांढर्‍यावरचे काळे
गावातल्या गावात
तंत्रलेल्या मंत्रबनात
आरोह अवरोह
शुभंकरोती कल्याणम्
विखुरलेले मोती


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हितगुज दिवाळी अंक २००७






 
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