Ajjuka
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| Tuesday, February 26, 2008 - 4:17 pm: |
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अरे ह्या अभिला आवरा.. त्याला सगळी गाणे तोंडपाठ आहेत बहुतेक.
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Zelam
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| Tuesday, February 26, 2008 - 5:41 pm: |
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Anky01 मी उत्तर नव्हतं दिलं हो, तुमच्या आधीच्या post चा reference घेतला होता, बाकी चालुद्या तुमचं.
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परत एकदा सोप्पे गाणे.. मौत मेरी तरफ़ आने लगी जान तेरी तरफ़ जाने लगी...
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Ankyno1
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| Wednesday, February 27, 2008 - 4:55 am: |
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आजा रे... अब मेरा दिल पुकारा... रो रो के गम भी हारा... बदनाम न हो प्यार मेरा.... सिनेमा: आह
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Ankyno1
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| Wednesday, February 27, 2008 - 5:05 am: |
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हे सांगा... हरे ख्वाब की ये हरी चूडियाँ कलाई मे किसने भरी चूडियाँ उठी नींद से चली आई मै साथ ही आ गई मेरी चूडियाँ
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Abhi_
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| Wednesday, February 27, 2008 - 6:54 am: |
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छन से बोले, चमक के जब चरार(?)ले ख्वाब देखा, है ऑंख का खुमार बोले ख्वाब छलके तो ऑंख से टपक के बोले झरना छलके तो पूरा आबशार बोले श्रेया घोशाल / शांतनू मोईत्रा / गुलझार / अल्बम : यहॉं
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Ankyno1
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| Wednesday, February 27, 2008 - 10:25 am: |
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हे ओळखा.... वो जिसकी खातिर तोडूं मै दुनियाभरकी रसमें करे जो वादे पूरे निभाए सारी कसमें
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Abhi_
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| Wednesday, February 27, 2008 - 11:24 am: |
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ना पैरों मैं पायल, ना हाथों मैं कंगना चली मैं चली मैं चली हो ना ऑंखो मैं काजल ना माथे पे बिंदीया दीवाने की ढुंढू गली i wanna show my body groove the nite away चाहे बस चाहे यह दिल दिलबर को पाना रे हल्ला रे हल्ला रे हल्ला रे श्वेता पंडित, सलीम मर्चंट, इर्शाद काम्मील / निल एन निकी / सलीम सुलेमान
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Ankyno1
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| Wednesday, February 27, 2008 - 11:37 am: |
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अभी.. बरोबर आहे... आता ओळखा पाहू.... ऐसा लगे है अब तो मुझको आज ही जैसे देखा तुझको लगता है मै भी ढूंड रहा था आज अचानक पाया तुझको
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Shraddhak
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| Wednesday, February 27, 2008 - 11:59 am: |
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श्या, चालीसकट हे कडवं आठवतंय. पण गाणं आठवत नाहीये. थोड्या वेळात आठवेल पण काय उपयोग, अभी येऊन लिहून टाकणारच आहे. 
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Ankyno1
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| Wednesday, February 27, 2008 - 12:05 pm: |
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चाल अठवत असेल तर गुणगुणून पहा पुढचं ही आठवेल....
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Shraddhak
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| Wednesday, February 27, 2008 - 12:25 pm: |
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ठंडी मे पसीना चले ना भूख ना प्यास लगे यार येही प्यार तो नही? डॅडी से पूछूंगा तन मे बरफ़ ढले जिगर मे आग जले यार येही प्यार तो नही? डॅडी से पूछ लेना गुड्डू. ( बाकी डिटेल्स आता अभि देईलच. :-P ) हुश्श.. पहिल्यांदा गाण्यात शाहरुख खान आहे एवढं आठवलं. नंतर मग गाण्याचं picturization आठवलं. मग गाणं आणि अर्थात सिनेमाही आठवला. :-P
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Abhi_
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| Wednesday, February 27, 2008 - 2:00 pm: |
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श्र :P आता म्हणालीच आहेस तर देतो डिटेल्स कुमार सा(शा)नू, देवकी बोस / मजरुह सुलतान्पुरी / नौशाद
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चान्द से भी तुम हसीन हो, नजदीक आओ ज़रा चान्द के निकलने तलक तो, तुम जगमगाओ ज़रा परत एकदा सोप्पं गाणं...
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Ankyno1
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| Thursday, February 28, 2008 - 4:55 am: |
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सोच के ये गगन झूमे अभी चाँद निकल आएगा झिलमिल चमकेंगे तारे सोच के ये गगन झूमे चित्रपट्- ज्योती लता मन्ना डे
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Ankyno1
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| Thursday, February 28, 2008 - 4:59 am: |
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दामन न बचाना मेरे हाथोंसे अरमाँ के गलेसे लग जाना जले चाँद सितारे जिन बातोंसे सुन जा वहीं अफसाना सोप्पं आहे
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Samira
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| Thursday, February 28, 2008 - 5:02 am: |
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ओ निगाहे मस्ताना देख समा है सुहाना तीर दिल पे चलाके हा जरा झुक जाना ओ हो
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Aaftaab
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| Thursday, February 28, 2008 - 5:26 am: |
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आता हे ओळखेल त्याला एक चॉकलेट बक्षिस.. गुनगुनाती हुइ निकली है नहा के जब भी अपने भीगे हुए बालोसे टपकता पानी मेरे चेहरे पे छिटक देती है तू टिक्कू की बच्ची..
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Abhi_
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| Thursday, February 28, 2008 - 6:23 am: |
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एकही ख्वाब कई बार देखा है मैंने तूने सारी मैं उरस ली है मेरी चाबिया घर की और चली आयी है बस यू ही मेरा हाथ पकड कर एक ही ख्वाब कई बार किनारा / भूपिंदर / गुलझार / आर. डी. बर्मन
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Psg
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| Thursday, February 28, 2008 - 6:44 am: |
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इतके दिवस मला अँकीच ग्रेट वाटायचा.. पण अभ्या.. तू तर महान आहेस!
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