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Kedar123
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| Monday, February 18, 2008 - 10:25 am: |
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सरफरोश चित्रपट ओळखला. पण गाण नाही
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Anaghavn
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| Monday, February 18, 2008 - 11:39 am: |
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मस्तीभरी ये खामोशी चुप हुन खडी मे खोयीसी देख रही हु मे एक सपना कुछ जागी सी कुछ सोईसी.
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Ankyno1
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| Monday, February 18, 2008 - 12:03 pm: |
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कहे झूम झूम ये रात सुहानी कहे झूम झूम ये रात सुहानी पिय होलेसे छेडो दोबारा वो ही कल की रसीली कहानी चित्रपट: लव्ह मरेज ************************ मी वर दिलेलं गाणं- ये जवानी हद कर दे बूढे जवाँ को मस्त कर दे कोई न जाने कल क्या हो हो आनेवाला पल क्या हो ले मजा ले जिंदगीका जिंदगी का जिंदगी का.... ************************ आता हे तरी ओळखा.... भूकंप आए तो क्या भूमी फट जाए तो क्या आसमाँ झुकता नही प्यार कभी रुकता नही
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"हमसे है मुकाबला" मधील "मुकाबला" हे गाणे आहे ते. याच गाण्यामधे टिपिकल रेहमान च्या हिन्दी गाण्यांप्रमाणे अचाट ओळी आहेत... "पॉप म्युझिक जैसी लैला...स्ट्रॉबेरी जैसी आंखे..."
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Dakshina
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| Tuesday, February 19, 2008 - 8:15 am: |
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अंकूर सरफ़रोश मधलं तू ओळखायला लावलेलं गाणं one of my most favorite आहे. या गाण्याच्या, पिक्चरायजेशन पासून सगळंच जबरदस्त आहे.
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Ankyno1
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| Tuesday, February 19, 2008 - 9:41 am: |
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हे ओळ्खा- पुंजिरिथंजी कोंजिक्को मुंथिरी मुथ्थोली चिंधिक्को वंजनी वर्ना चुंधरीवावे थांगिंनक्कथ थकधिमियादुं थंगनिलावे होए पुंजिरिथंजी कोंजिक्को मुंथिरी मुथ्थोली चिंधिक्को वंजनी वर्ना चुंधरीवावे थांगिंनक्कथ थकधिमियादुं थंगनिलावे थंग कोलुसल्ले कुरुगुंकुयिलल्ले मारन मयिलल्ले होए थंग कोलुसल्ले कुरुगुंकुयिलल्ले मारन मयिलल्ले आधीच क्लू देतो- ए. आर. रेहेमान लता मंगेश्कर (याचा अर्थ्- Smile and pour forth your innocent, grape-sweet talk, colorful, lovely baby.... Oh, dancing golden moonbeam, Smile and pour forth your innocent, grape-sweet talk, colorful, lovely baby.... dancing golden moonbeam, Oh, you are a golden anklet, a singing bird, a dancing peacock! you are a golden anklet, a singing bird, a dancing peacock!)
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Nkashi
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| Tuesday, February 19, 2008 - 10:08 am: |
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चित्रपट दिल से जिया जले, जान ( or जा not sure ) जले
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Ankyno1
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| Tuesday, February 19, 2008 - 10:17 am: |
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एकदम बरोबर अहे उत्तर.....
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अन्कुर, तुमचे चित्रपटसृष्टी चे ज्ञान पाहून मी थक्क झालो. हॅट्स ऑफ़ पुढचे गाणे: वो दिल भी कोई दिल है भला जिस दिल मे किसिका प्यार न हो इक रोझ तो वो दिन आएगा जिस दिन तुम हमसे ये कहो (मुखड्याची एक ओळ) ये फ़ासले ये दूरी कबतक अब आ भी जाओ बाहोंमे हम राह तुम्हारी तकते हैं कबसे इन प्यार की राहों मे (मुखड्याची एक ओळ) क्ल्यु: गानेमे एक्ट्रेस "कौन" है याद नही आता. लेकीन गाना सुनके दिल "बेहेल" जाता है.
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Shraddhak
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| Wednesday, February 20, 2008 - 8:58 am: |
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गानेमे एक्ट्रेस "कौन" है याद नही आता. लेकीन गाना सुनके दिल "बेहेल" जाता है<<<< ' नरसिंहा ' मधलं ' हमसे तुम दोस्ती कर लो ' का? गाण्याचा अंतरा अज्जिबात आठवत नाहीये पण क्लू वरून ओळखायचा प्रयत्न केला. ( उर्मिला मातोंडकर आणि रवी बेहेल आहेत ना त्या गाण्यात! तेव्हा, ' कौन ' हा उर्मिलाशी निगडित क्लू असेल असा विचार केलाय.)
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Ankyno1
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| Wednesday, February 20, 2008 - 9:09 am: |
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Rishikesh.... ते 'दिल से' च्या गाण्याबद्दल म्हणत असाल तर ते बोल आणि अर्थ दोन्ही नेट कृपेने आहे.... बाकी तुमचे क्लू- उर्मिला (कौन) आणि रवि 'बेहेल' चित्रपट्: नरसिंहा गाणं- हमसे तुम दोसती कर लो ये हसीं गलती कर लो...
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Ankyno1
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| Wednesday, February 20, 2008 - 9:12 am: |
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श्रद्धा... तेच गाणं आहे.... आता हे ओळखा..... मेरी बेकरारी को हदसे बढाना तुम्हे खूब आता है बाते बनाना
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Prachee
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| Wednesday, February 20, 2008 - 9:28 am: |
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माझं आवडतं गाणं मुझे रात दिन बस मुझे चाहती हो कहो, ना कहो मुझको सब कुछ पता है सिनेमा संघर्ष
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Ankyno1
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| Wednesday, February 20, 2008 - 10:57 am: |
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बरोबर अहे.... *************** जब चाँद सनम छत पे आए तेरी याद मुझे तडपा जाए यादोंमे ही रेहेना गुम तारे गिनते रेहेना तुम खयालोंके लड्डू खाते रेहेना तुम
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'नरसिंहा हमसे तुम दोस्ती' बरोबर आहे. @अन्कुर फक्त 'दिल से' बद्दल नाही तर एकुणच तुम्ही घातलेली कोडी बघून तसे म्हटले होते.
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Ankyno1
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| Wednesday, February 20, 2008 - 12:06 pm: |
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Rishikesh, ढाण्या वाघ.... वरचं गाणं ओळखा.... तसं सोप्पं आहे....
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Dakshina
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| Thursday, February 21, 2008 - 5:52 am: |
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अंकुर, किती रे अवघड गाणी ओळखायला लावतोस?
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Prachee
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| Thursday, February 21, 2008 - 6:37 am: |
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जोडी नं.१ मधील लाल चुनरिया वाली पे दिल आया रे
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Prachee
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| Thursday, February 21, 2008 - 6:45 am: |
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तुमने सोचा होगा मैं औरत हु मैं कमज़ोर हु मैं घर में कुछ और हु बाहर मैं कुछ और हु ओळखा ओळखा...............
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Prachee
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| Thursday, February 21, 2008 - 6:50 am: |
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हे पण ओळखा तेरी आंखों से छानति हुई इस चमक की कसम यह समन्दर जो नमकीन है इस नमक की कसम चौक से चान्द पे लिख दिया है नाम हमने तेरा ओह रेवा रेवा रेवा, रेवा रेवा रेवा
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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