Itgirl
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| Sunday, February 10, 2008 - 6:05 pm: |
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बरोबर ग प्राची खूपच सोपे गाणे दिले वाटते मी
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Ankyno1
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| Monday, February 11, 2008 - 5:22 am: |
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हे ओळखा..... तसं सोपं आहे.... तुमसे पेहेले देखे कब थे मैने ये, ख्वाबोंके कारवाँ तुम जो आए तुम हो लाए अनकही, अनसुनी दास्ताँ
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Prachee
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| Monday, February 11, 2008 - 8:48 am: |
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सिनेमा अरमान गाणे मेरी जिन्दगी में आये हो और ऐसे आये हो तुम
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Ankyno1
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| Monday, February 11, 2008 - 9:04 am: |
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प्राची, बरोबर आहे उत्तर.... पण उत्तरानंतर पुढचं गाणं देत जा की.... असो... आता हे सांग.... रूमाल बन गया भी गर कमीज फाड कर कमीज के लिये भी तो कपडा चाहिये कपडा किसीने दान ही मे दे दिया चलो दर्जी के पास जाके वो पेहेले सिलाइये
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Aaftaab
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| Monday, February 11, 2008 - 10:06 am: |
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गोलमाल है भई सब गोलमाल है २ अरे सीधे रस्ते कि ये टेढी चाल है... === आता हे ओळखा.. थका थका सुरज जब नदी से होकर निकलेगा हरी हरी खायी पे पांव बढा तो फ़िसलेगा तुम रोक के रखना मै जाल गिराऊ तुम पीठ पे लेना मै हाथ लगाऊ....
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Ankyno1
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| Monday, February 11, 2008 - 10:24 am: |
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ओ साथी रे दिन डूबे ना... चित्रपट: ओमकारा ************************** मेरे खयालोंमे आने लगी फूलोंसी नाजुक परी बेचैनियोंको जगाने लगी लडकी वो जादूभरी
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Ankyno1
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| Wednesday, February 13, 2008 - 8:52 am: |
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लोकहो.... झोपलात की काय.... जागे व्हा.... इतकंही अवघड गाणं दिलं नाहिये....
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Prachee
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| Thursday, February 14, 2008 - 9:58 am: |
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तोपर्यंत हे गाणे ओळखा अपने दिलके तुफ़ां मेरी सांसोमें भर दे तेरी मैं हो जाऊ मुझको दिवाना कर दे
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Ankyno1
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| Thursday, February 14, 2008 - 10:12 am: |
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छम छम करता है ये नशीला बदन.... करना चाहे हर कोई मुझसे मिलन.... मराठी चित्रपट अगं बाई... अरेच्चा.. मी दिलेलं ओळख की प्राची
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Dakshina
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| Friday, February 15, 2008 - 8:26 am: |
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अंकुर.. तू ज्या दिवसापासून हे गाणं टाकलंयस.. तेव्हा पासून मी पण विचार करतेय, पण ओळखणं कठीण आहे.
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Ankyno1
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| Friday, February 15, 2008 - 12:31 pm: |
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ठीक आहे.... क्लू देतो.... इंग्लिश सिनेमावरून चोरलेला सिनेमा हीरो(सुंदर) फिरते रेस्टाॅरंट चालवतो (इंडिया आॅन व्हील्स) हिराॅइन डाॅक्टर तिचा बाप गुज्जु बिझनेसमन(राॅजर पटेल) गायक्: शान
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Dakshina
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| Friday, February 15, 2008 - 12:48 pm: |
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बाप रे! हे तर अजुनच अवघड झालं..
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चित्रपट्: कहता दिल बार बार गाणे आठवून सांगेन लवकरच
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आसमां से चांद लाऊ चांदनी से घर सजाऊ
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Ankyno1
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| Friday, February 15, 2008 - 3:18 pm: |
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स्वाती राजेश सही जवाब.....
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Ankyno1
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| Friday, February 15, 2008 - 3:30 pm: |
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आता हे सोप्पं दिलय... चटकन ओळखा.... रंगी समां, दिल है जवाँ, सारे यहाँ जोश में क्या राज है, क्या बात है, कोई नही होश में
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Anaghavn
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| Monday, February 18, 2008 - 5:06 am: |
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मी दिलेलं गणं कोणी ओळखल नाही क अजुन? सदमा च्या गाण्या नंतर दिलं होतं
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Ankyno1
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| Monday, February 18, 2008 - 5:30 am: |
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अनघा, तेंव्हाच ओळखलं होतं.... *************************************** ये अजीब इष्क के खेल है जहा लज्जतो मे कमी नही कभी मैने तुझको हसा दिया कभी तुने मुझको रुला दिया. >>>>> तेरी राह से जो निकल गये वो दिवाने बनके मचल गये. कभी हमने की तेरी आरजु तो बता दे ये क्या गुन्हा किया?>>>>> भुला दिया भुला दिया तेरे इष्क मे खुदको भुला दिया..... चित्रपट: दस कहानियाँ अनघा.... दोन्ही ओळी एकाच गाण्यातल्या आहेत.... गुगली नाही टाकायचा....
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Anaghavn
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| Monday, February 18, 2008 - 8:36 am: |
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अंकुर हुशार आहेस्--बरोब्बर ओळखलास गुगली.
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Ankyno1
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| Monday, February 18, 2008 - 9:34 am: |
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रंगी समां, दिल है जवाँ, सारे यहाँ जोश में क्या राज है, क्या बात है, कोई नही होश में यालाही क्लू हवा का?.... ठीक अहे... घ्या-- गायिका: कविता कृष्णमूर्ती लोकेशन्: डांस बार नायकाचं नाव्: ए.सी.पी. अजयसिंह राठोड
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