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Archive through February 10, 2008

Hitguj » My Experience » बहु(जनांकडून)श्रुत » गाणे ओळखा » Archive through February 10, 2008 « Previous Next »

Ankyno1
Tuesday, February 05, 2008 - 6:40 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

ये रुत मनभाती
ये दिन मदमाते
ओ देखो गोरी हम तुम
चले है हसते गाते


Aaftaab
Tuesday, February 05, 2008 - 8:02 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

पिया पिया मोरा जिया पुकारे
तुम तो बसे हो सैय्या मनमे हमारे...


Prachee
Tuesday, February 05, 2008 - 11:18 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

किस्मत पे छा रही है
क्यों रात की सियाही


Ankyno1
Tuesday, February 05, 2008 - 12:08 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

प्राची....

हे तर
आवाज दे कहाँ है
दुनिया मेरी जवाँ है


*********************

हे सांग

देखके लगता है मुझको आप दीवाने बडे है
राम जाने इस तरह से क्यूं मेरे पीछे पडे है


Divya
Tuesday, February 05, 2008 - 2:18 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे गाण ओळखा बघु.

feeling blue feeling blue feeling blue
my heart says can't be can't be true...


Aaftaab
Wednesday, February 06, 2008 - 4:47 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

जाने क्या जाने मन बावरा..
अखियन मे है सावन भरा....

good one!


Dakshina
Wednesday, February 06, 2008 - 5:27 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

आता हे ओळखा..
दिल की खता भी है क्या, मुझको गिला भी है क्या
इस दिल्लगी के सिवा, दिल ने किया भी है क्या..


Sweetgirl
Wednesday, February 06, 2008 - 5:48 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे परदेस मधील "दिल ए दिल दिवाना है ये दिल" हे गाने आहे.

Ramani
Wednesday, February 06, 2008 - 6:42 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे गाणे ओळखा.
इक चीख जिगर से उठती है
इक दर्द सा दिल में होता है
हम रातों को उठकर रोते है
जब सारा आलम सोता है


Ankyno1
Thursday, February 07, 2008 - 5:20 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

चांदनी राते
आहे का हे?



मी दिलेलं ओळखा की कोणीतरी....


देखके लगता है मुझको आप दीवाने बडे है
राम जाने इस तरह से क्यूं मेरे पीछे पडे है

Anaghavn
Thursday, February 07, 2008 - 11:40 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे ओळखा----
छोटासा साया था आंखोमें आया था
हमने दो बुंदो मे मन भर लिया.


Anaghavn
Thursday, February 07, 2008 - 11:41 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अजुन एक्---
ये अजीब इष्क के खेल है जहा लज्जतो मे कमी नही
कभी मैने तुझको हसा दिया कभी तुने मुझको रुला दिया.



Anaghavn
Thursday, February 07, 2008 - 11:44 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

आणि अजुन एक्---
तेरी राह से जो निकल गये वो दिवाने बनके मचल गये. कभी हमने की तेरी आरजु तो बता दे ये क्या गुन्हा किया?


Swati_rajesh
Thursday, February 07, 2008 - 1:10 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

छोटासा साया था आंखोमें आया था
हमने दो बुंदो मे मन भर लिया.

ऐ जिंदगी गले लगा ले.....
सदमा


Swati_rajesh
Thursday, February 07, 2008 - 1:12 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अंकुर,
क्लु द्याना एक तरी


Anaghavn
Friday, February 08, 2008 - 5:54 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

स्वाती बरोबर. आणि पुढचे

Ankyno1
Friday, February 08, 2008 - 6:08 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

ये अजीब इष्क के खेल है जहा लज्जतो मे कमी नही
कभी मैने तुझको हसा दिया कभी तुने मुझको रुला दिया.
>>>>>
तेरी राह से जो निकल गये वो दिवाने बनके मचल गये. कभी हमने की तेरी आरजु तो बता दे ये क्या गुन्हा किया?>>>>>


भुला दिया भुला दिया
तेरे इष्क मे खुदको भुला दिया.....
चित्रपट: दस कहानियाँ
अनघा.... दोन्ही ओळी एकाच गाण्यातल्या आहेत.... गुगली नाही टाकायचा....

मी दिलेल्या गाण्याचा क्लू:
एका स्टारपुत्राचा दुसरा सिनेमा (पहिल्यात दाढी-मिशी होती... दुसर्‍यात सटा-सट)...
नायिकेचे पदार्पण....
अव्वल दर्जाचं संगीत... बकाल कथानक... अभिनयाचा संबंध नाही....


Rishikeshkale
Friday, February 08, 2008 - 9:29 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

पुत्र: अभिषेक बच्चन. "तेरा जादू चल गया". गाणे "कयामत हो". ओळखले नाही. क्ल्यू वरून शोधले.

Itgirl
Saturday, February 09, 2008 - 6:25 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

बर, हे ओळखा, सोपे आहे तसे...

तू धूँप हैं
छमसे बिखर
तू हैं नदी
ओ बेखबर
बह चल कहीं
उड चल कहीं
दिल खुश जहाँ
तेरी तो मंजिल हैं वहीं.....

:-)


Prachee
Sunday, February 10, 2008 - 6:39 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अरे हे तर 'तारे जमींपर' मधील 'खोलो खोलो दरवाजें'

चोखंदळ ग्राहक
महाराष्ट्र धर्म वाढवावा
व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत
पांढर्‍यावरचे काळे
गावातल्या गावात
तंत्रलेल्या मंत्रबनात
आरोह अवरोह
शुभंकरोती कल्याणम्
विखुरलेले मोती


.
हितगुज दिवाळी अंक २००७






 
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