Ankyno1
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| Tuesday, February 05, 2008 - 6:40 am: |
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ये रुत मनभाती ये दिन मदमाते ओ देखो गोरी हम तुम चले है हसते गाते
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Aaftaab
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| Tuesday, February 05, 2008 - 8:02 am: |
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पिया पिया मोरा जिया पुकारे तुम तो बसे हो सैय्या मनमे हमारे...
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Prachee
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| Tuesday, February 05, 2008 - 11:18 am: |
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किस्मत पे छा रही है क्यों रात की सियाही
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Ankyno1
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| Tuesday, February 05, 2008 - 12:08 pm: |
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प्राची.... हे तर आवाज दे कहाँ है दुनिया मेरी जवाँ है ********************* हे सांग देखके लगता है मुझको आप दीवाने बडे है राम जाने इस तरह से क्यूं मेरे पीछे पडे है
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Divya
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| Tuesday, February 05, 2008 - 2:18 pm: |
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हे गाण ओळखा बघु. feeling blue feeling blue feeling blue my heart says can't be can't be true...
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Aaftaab
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| Wednesday, February 06, 2008 - 4:47 am: |
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जाने क्या जाने मन बावरा.. अखियन मे है सावन भरा.... good one!
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Dakshina
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| Wednesday, February 06, 2008 - 5:27 am: |
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आता हे ओळखा.. दिल की खता भी है क्या, मुझको गिला भी है क्या इस दिल्लगी के सिवा, दिल ने किया भी है क्या..
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Sweetgirl
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| Wednesday, February 06, 2008 - 5:48 am: |
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हे परदेस मधील "दिल ए दिल दिवाना है ये दिल" हे गाने आहे.
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Ramani
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| Wednesday, February 06, 2008 - 6:42 am: |
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हे गाणे ओळखा. इक चीख जिगर से उठती है इक दर्द सा दिल में होता है हम रातों को उठकर रोते है जब सारा आलम सोता है
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Ankyno1
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| Thursday, February 07, 2008 - 5:20 am: |
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चांदनी राते आहे का हे? मी दिलेलं ओळखा की कोणीतरी.... देखके लगता है मुझको आप दीवाने बडे है राम जाने इस तरह से क्यूं मेरे पीछे पडे है
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Anaghavn
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| Thursday, February 07, 2008 - 11:40 am: |
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हे ओळखा---- छोटासा साया था आंखोमें आया था हमने दो बुंदो मे मन भर लिया.
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Anaghavn
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| Thursday, February 07, 2008 - 11:41 am: |
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अजुन एक्--- ये अजीब इष्क के खेल है जहा लज्जतो मे कमी नही कभी मैने तुझको हसा दिया कभी तुने मुझको रुला दिया.
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Anaghavn
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| Thursday, February 07, 2008 - 11:44 am: |
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आणि अजुन एक्--- तेरी राह से जो निकल गये वो दिवाने बनके मचल गये. कभी हमने की तेरी आरजु तो बता दे ये क्या गुन्हा किया?
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छोटासा साया था आंखोमें आया था हमने दो बुंदो मे मन भर लिया. ऐ जिंदगी गले लगा ले..... सदमा
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अंकुर, क्लु द्याना एक तरी
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Anaghavn
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| Friday, February 08, 2008 - 5:54 am: |
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स्वाती बरोबर. आणि पुढचे
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Ankyno1
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| Friday, February 08, 2008 - 6:08 am: |
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ये अजीब इष्क के खेल है जहा लज्जतो मे कमी नही कभी मैने तुझको हसा दिया कभी तुने मुझको रुला दिया. >>>>> तेरी राह से जो निकल गये वो दिवाने बनके मचल गये. कभी हमने की तेरी आरजु तो बता दे ये क्या गुन्हा किया?>>>>> भुला दिया भुला दिया तेरे इष्क मे खुदको भुला दिया..... चित्रपट: दस कहानियाँ अनघा.... दोन्ही ओळी एकाच गाण्यातल्या आहेत.... गुगली नाही टाकायचा.... मी दिलेल्या गाण्याचा क्लू: एका स्टारपुत्राचा दुसरा सिनेमा (पहिल्यात दाढी-मिशी होती... दुसर्यात सटा-सट)... नायिकेचे पदार्पण.... अव्वल दर्जाचं संगीत... बकाल कथानक... अभिनयाचा संबंध नाही....
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पुत्र: अभिषेक बच्चन. "तेरा जादू चल गया". गाणे "कयामत हो". ओळखले नाही. क्ल्यू वरून शोधले.
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Itgirl
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| Saturday, February 09, 2008 - 6:25 pm: |
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बर, हे ओळखा, सोपे आहे तसे... तू धूँप हैं छमसे बिखर तू हैं नदी ओ बेखबर बह चल कहीं उड चल कहीं दिल खुश जहाँ तेरी तो मंजिल हैं वहीं.....
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Prachee
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| Sunday, February 10, 2008 - 6:39 am: |
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अरे हे तर 'तारे जमींपर' मधील 'खोलो खोलो दरवाजें'
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