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प्राची, जिहाले मस्किन.... बेचारा दिल है वालं गाणं आहे. नक्की शब्द समजले नाहीत पण म्हणुन लिहिले नाहियेत... कुणीतरी रिकाम्या जागा भरा पाहू हे ओळखा जाम सोप्पय,. ओ माही मेरा शर्बत व्हडका ओ तेनु गट गट पिला...
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Ankyno1
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| Monday, December 31, 2007 - 5:05 am: |
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नंदिनी हे तर सध्याचं सुपरहिट "मौजा हि मौजा" ---------------------------------- हे सान्गा "फिर किसीके चेहेरेका रंग खिल गया बिछडाहुआ आज कोइ उसको मिल गया"
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Dakshina
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| Monday, December 31, 2007 - 5:15 am: |
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अल्बम चं नाव नाही माहीती, पण हे गाणं 'हवा हवा, ए हवा, खुशबू लूटा दे...' आहे. खुप गाजलं होतं त्याकाळी. माझ्या आठवणीप्रमाणे त्याकाळी फ़क्त चित्रपटाच्या गाण्यांच्या कॅसेटस मिळत, हा गैरफ़िल्मी अल्बम लोकांनी फ़ारच उचलून धरला होता. Ankyno1 बरोबर ओळखलं ना?
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Sush
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| Monday, December 31, 2007 - 6:41 am: |
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हा बहुधा एक पिक्चर होता कॉलेज लाइफ वर. नक्कि आठवत नाहि.
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Ankyno1
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| Monday, December 31, 2007 - 7:58 am: |
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एकदम बरोब्बर हसन जहान्गीर नामक पाकी singer चा अल्बम होता याच अल्बम मधे आणखी एक गाणं होतं "आ जा ना, दिल है दीवाना" आहे का कोणाकडे mp3 असेल तर मला हवं आहे
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Prachee
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| Monday, December 31, 2007 - 9:27 am: |
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बरोबर नंदिनी, ते गाणे असे आहे..... ज़ीहाले मुस्किन मैन कुन बरन्जिस बेहाल हिज्रा बेचारा दिल है सुनाइ देति है जिसकि धडकन तुम्हारा दिल या हमारा दिल है आणि सिनेमा आहे 'गुलामी' आता हे ओळ्खा आज किये है कुछ वादे खाकर प्यारभरी कसमें आज किया सौदा हमने इस जी जान का आपसमें
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Ankyno1
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| Monday, December 31, 2007 - 12:28 pm: |
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हे किशन कुमर चं इष्क मे हम तुम्हे क्या बतए आहे का? i'm nt sure... bt ते असेल असं वाटतय
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Prachee
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| Monday, December 31, 2007 - 2:30 pm: |
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एक hint देते. हे गाणे श्रीदेवी वर चित्रित झाले आहे.
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उन्गली मे अन्गुठी, अन्गुठी मे नगीना.... राम अवतार
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Prachee
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| Tuesday, January 01, 2008 - 6:23 am: |
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अगदी बरोबर.... अगदी बरोबर देख लो हमको करीबसे आज हम मिले हैं नसीबसे हे ओळखा पाहु
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Ana_meera
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| Tuesday, January 01, 2008 - 7:16 am: |
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गजब का है दिल सोचो जरा ये दिवानापन देखो जरा तुम हो अकेले, हम भी अकले, मजा आ रहा है, कसमसे.. हे सोप्प ओळखा.. "दुनिया १ तमाशा है, आशा और निराशा है थोडे फुल और काटे है, जो तकदिर ने बाटे है..."
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शिशा हो या दिल हो आखिर टुट जाता है.. आशा..
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Aashu29
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| Tuesday, January 01, 2008 - 3:11 pm: |
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हे ओळखा दिल है तो फ़िर दर्द होगा दर्द है तो दिल भि होगा मॉसम बदलते रेहते है
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दिल से रे..... दिल से (शाह रुख खान)
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Aashu29
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| Tuesday, January 01, 2008 - 7:23 pm: |
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शाबाश, स्वाति. आता हे रेशमी राते रोज न होगी ये सॉगाते रोज ना होगी जिंदगी तुझ बीन राज न आये!!
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Lajo
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| Tuesday, January 01, 2008 - 9:16 pm: |
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तेरे बीना जिया जाएना बीन तेरे तेरे बीन साजना... बरोबर???
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Dakshina
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| Wednesday, January 02, 2008 - 4:37 am: |
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आता हे ओळखा.... तू ही मेरी जिंदगी है, तू ही मेरी जान है मुझको तू मिलजाए मेरा यही एक अरमान है तेरा मेरा साथ हो, जी भरके मुलाकात हो.....
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सलाम करने कि आरज़ू है इधर जो देखे सलाम कर लू ही ओळ अंतर्यामधे असलेलं गाणं कुठलं?? क्लू आहे ऍश आणि जावेद अख्तर..
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Prachee
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| Monday, January 07, 2008 - 9:15 am: |
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अगं हे तर उमराव जान मधलं गाणे तुम्हारी मेहफ़िल में आ गये हैं तो क्यों न हम ये भी काम करले
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Prachee
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| Monday, January 07, 2008 - 9:20 am: |
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आता हे ओळखा वो अन्जान पल ढल गये कल वो आज क्यों रंग बदल बदल मनको मचल मचल................
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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