Runi
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| Saturday, January 27, 2007 - 9:30 pm: |
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चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था>>>> कांदापोहे, मला पण ते गाणे same तुझ्या सारखेच ऐकु यायचे. रुनि
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Runi
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| Sunday, January 28, 2007 - 12:34 am: |
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या गाण्याचे बरोबर शब्द असे आहेत चुरा लिया है तुमने जो दिल को, नज़र नहि चुराना सनम बदल के मेरी तुम जिन्दगानि कही बदल ना जाना सनम मी म्हणायचे चुरा लिया है तुमने जो दिल को, नज़र नहि चुराना सनम बदल के मेरी तुम जिन्दगानि कही गुजर ना जाना सनम रुनि
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Sayuri
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| Sunday, January 28, 2007 - 5:22 pm: |
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सध्याच्या 'रिस्क' सिनेमाच्या ट्रेलरमधली ओळ: लाखो करोडोंमैं कोई लेता हैऽऽऽ...रिस्क इतके दिवस मला लाखो 'करोडोंमैं कोई नेता हैऽऽऽ' असं ऐकू यायचं.
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Bhagya
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| Sunday, January 28, 2007 - 11:00 pm: |
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आई ग! अगदी ह. ह. पु. वा. !! मला लहानपणी तू है दिया मै हू बाती आजा मेरे जीवनसाथी कसमे वादे निभायेंगे हम च्या ऐवजी तू है जिराफ़ मै हू हाथी आजा..... कस्मेवादे निभायेंगे हम असे ऐकू यायचे...
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Suvikask
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| Tuesday, February 06, 2007 - 6:23 am: |
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मै से ना मेनासे ना साथीसे दिल बहलता है मेरा आपके आ जाने से आपके आ जाने से हे गाणं असच आहे का?
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मे से मीना से न साकी से दिल बहलता है मेरा आपके आ जाने से
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ते बहुतेक मय(दारू) से आहे
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Pulasti
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| Wednesday, February 07, 2007 - 4:57 pm: |
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हा सगळ्यात धमाल BB आहे मायबोलीवरचा!! इतक्या दिवसांनी पाहण्यात आला. कविता आणि गझल च्या BB वाचल्यावर डोकं जरा शिणलं की या BB चा उतारा न चुकता घ्यायला हवा!!! मलाही काही आठवलं तर पोस्ट करीन... -- पुलस्ति.
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कही गुजर ना जाना सनम. \ clipart{ हसून हसून खुर्चीतून पडणारा स्मायली }
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Ekrasik
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| Friday, February 09, 2007 - 4:57 pm: |
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वादळवाट चे शीर्शक गीत असे एकु यायचे थोडी साखर मिळाली ... बरेच दिवसान्नी कळले कि ते सागर निळाई आहे
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Runi
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| Friday, February 09, 2007 - 10:10 pm: |
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अखेरचा हा तुला दंडवत सोडुन जाते गावं हे गाणे मला अखेरचा हा तुला दंड सोडुन जा ते गावं असे ऐकु यायचे, मला वाटायचे की कोणाला तरी दंडाची शिक्षा म्हणुन गाव सोडुन जायला सांगितलय. रुनि
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Ek_veda
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| Friday, February 09, 2007 - 10:23 pm: |
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दंडाची शिक्शा(??) ती कशी असते बुवा?{क्श कसे लिहायचे?)
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Sas
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| Friday, February 09, 2007 - 11:31 pm: |
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Ek_veda क्ष: kSh अस लिहितात
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Zakki
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| Saturday, February 10, 2007 - 2:19 am: |
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किंवा क्ष ' x ' असाहि लिहिता येतो.
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Ek_veda
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| Saturday, February 10, 2007 - 5:28 pm: |
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धन्यवाद. x try करायचे लक्षातच नाही आले. हे वेन्धलेपनाच्या BB वर टाकले पाहिजे
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Meghdhara
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| Sunday, February 18, 2007 - 4:42 pm: |
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छू लेने दो नाजूक... या गाण्यातल्या पुढच्या ओळी.. अच्छोको बुरा साबीत करना दुनियाकी पुरानी आदत है.. लहानपणी, बच्चोंको बुरा.. अशाच ऐकू यायच्या.. मेघा
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पुकार (नविन) मधिल मधुरी आणि प्रभुदेवाच गाण आठवतय?? त्यात सुरुवातिला शन्कर महादेवन काय बडबडतो तेच कळायच नही. मला वाटल कहितरी ट-ट-प-प असेल. नन्तर माझ्या मित्राने मला ते गाण म्हणून दाखवल तेव्हा झेपल. नौ जवानो, बात मानो, कभी किसीसे न प्यार करना.
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वा देवनागरीत एकदम प्रगती आहे की सचिन. म्हणजे ते ट ट ट प प असं नहीये?
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Saee
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| Wednesday, February 21, 2007 - 6:16 pm: |
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बरेच लोक गणपतीची आरती म्हणताना 'संकष्टी पावावे...' म्हणतात, ते खरंतर 'संकटी पावावे...' असे आहे. अगदी कित्येक घरांमधे आजी आजोबांसारखी वडीलधारी मंडळीही असंच म्हणतात आणि ते म्हणतात म्हणुन त्यांची मुले, नातवंडे पण
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यात 'नुरवी पुरवी (पुरवतो)' हे पण 'नुरवी, पुर्वी (फार फार पूर्वी)' सारखं म्हटलं जातं.. 
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