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Aktta
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| Thursday, May 01, 2008 - 3:57 pm: |
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मला घरी जायच आहे.......
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Ankyno1
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| Friday, May 02, 2008 - 7:37 am: |
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आठवडा झाला.... पण मी 'टशन' का पाहिला?.... अजून उत्तर सापडलं नाहिये.... हरभजन ला बंदी लावली.... श्रीशांत ला का नाही... आग लागल्याशिवाय धूर येत नाही.. आणि वणवा पेटायला ठिणगी पण पुरते... मग श्रीशांत ची साधी चौकशी ही का नाही.... तो काय कोणी नाकासमोर चालणारा अनिल कुंबळे नाही.... हरभजन च्या जागी मी असतो तर मी पण श्रीशांत ला बदडून काढलं असतं कदाचित.... फक्त मॅच संपल्यावर....
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Dakshina
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| Friday, May 02, 2008 - 8:57 am: |
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मला एरंडेल प्यावसं वाट्टंय...
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Dakshina
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| Friday, May 02, 2008 - 9:17 am: |
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अंकूर, मी खरंतर मॅचेस वगैरे पहात नाही त्यामूळे ही हरभजन आणि स्रीशांतची नक्की काय बातमी आहे? मला सांगशिल का?
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दक्षिणा! हरभजने श्रीशांत( नावात शांत असल्याने माणस शांत असतात का?) च्या थोबाडित मारली कारण,मुंबई ११ (हा कुठला संघ??) सलग बरेच सामने हरला...त्यांचा( बदली) कर्णधार भज्जी होता..श्रीशांतने काय खोड काढलीय ते त्याला आणी भज्जीलाच ठावुक..
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Dakshina
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| Friday, May 02, 2008 - 10:47 am: |
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यडपटच आहे म्हणजे.... दुसरा नवज्योत सिंग सिद्धू झाला की काय?
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स्रीशांत ही कोण नवी स्त्री आलिय???????????
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Zakki
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| Friday, May 02, 2008 - 1:45 pm: |
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श्रीशांतचे नाव, तो लहान मुलीसारखा मुळू मुळू रडतो, म्हणून 'स्त्रीशांत' असे करण्यात आलेले आहे.
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Nilima_v
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| Friday, May 02, 2008 - 11:39 pm: |
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"Shant"anukumar Sri"shant" yaat aai babanni shant karaycha barach prayatn kela. pun porge kahich aikat nahi
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मनातील दुख्: हा असा खेळ खेळून वर्षे झाली. गेले ते गेले लहानपणीचे दिवस.... http://www.youtube.com/watch?v=UrNSS-hEPnQ
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"पापाजी, सुना है, श्री 'संत' नहीं है!" "ओए पापे, हर 'भजन' करनेवाला संत नहीं होंदा!" -कालपरवां आलेला एक एसएमएस.
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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