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Mavla
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| Monday, March 27, 2006 - 6:01 pm: |
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आजचा सगळा दिवस, crush वाचन्यात गेला.. मजा आली. विनादा विनादनेच सही, पन खुप जनांनी, नकळत मनाची खोली पन गाठली. म्हनुन या bb la award द्याय्ल हवा. शेवटी limbu timbu ने लिहिलेल्या गुलाबी भावनाच त्या.... अशा लपुन थोडिच रहानार? गालावर रन्ग न लावता आलेली लाली, लिपस्टिक न लावताही ताम्बडे चुटुक ओठ, असो, त्यातही हळुवार भावनेला, तरलतेचा नाजुक स्पर्श आहेच. arch ने दिलेली test link पन आहेच solid , lampam चि chemistry पन जुळुन आली आहे, मला तर chemistry चा हा नविनच अर्थ कळला. ninaavI ची "अजुनही आठवुन मी मोहरुन जातो, किति किति तो लाघवि तुज़ा नकार होता" अहा हा.... किती सुन्दर ह समारोप होता.. आनी maane gujinchaa "जपलेला "तो" दगड"...... हाय.... किती मोठी ती "जपनुक" होती... दगड नाही, तो काळजाचा तुकडाच जपुन थेवला कि काय अस वाटलं? नाही म्हनल तरी, जरी खुप कमी लिहिल गेल आसल तरी, खुप जनांच्या, काळजात बरच उतरल आहे. crush म्हनु हवा तर, पन ही "गोड वेदना" खुप जनांनी खिलाडु व्रुत्ती ने मांडली हे खुपच छान वाटल, चला म्हन्जे आम्हि पन मोकळ, आम्ह्चा पन खलुता धाडायला या bb वर..... आम्ही पन अशा बर्याच लढाया, लढलो.... मन्ग काय? चित पन आम्चिच अन पट पन आम्चाच. धाडतो लवकर्अच आम्च पन "बाजिराव्-मस्तानी" अफ़ेअर. मावळा.
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गिरिराज सहावीत तुझी अक्कल बरिच वाढलेली होती मग ती school-bag तरी भरता येत होती का तेव्हा? म्हणजे बालविवाहाला परवानगीसांठी ही अट पाहिजे. school-bag नीट भरता येणे अट एक waterbottle स्वःता भरणे- अट दोन तरिच तुला crush चा crash course ची गरज नाही दिवे घे रे
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Polis
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| Monday, March 27, 2006 - 7:37 pm: |
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म्यॅड म, तुम्हाला हवाय का "crash course" ?? आम्चा क्रश येकच, फ़ुलन्देवी 
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अहो पोलिस कित्तीदा सांगता तेच तेच, कळल की तुमचा क्रश एकच फ़ुल्नदेवी ते
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लवकर धाडा तुमच "बाजिराव-मस्तानी" अफेअर.. आम्हि उत्सुक आहोत वाचन्यास.. मग आम्हि पण लिहिण्याचा एक चांगला प्रयत्न करतोत... नमस्कार मंडळी....
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आम्ही म्हणजे " आदरार्थी " एकवचनी का?
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जाने कंहा गये वो दिन कहतेथे तेरी याद मे तुमको ना भूल पायेन्गे. आता अस वाटत आहेकी मी किती जना साठी हे गाण म्हनालो असेल.
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Junnu
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| Tuesday, March 28, 2006 - 8:35 pm: |
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तेरी याद में तुझीको भूल ना पायेंगे....??? केदार, जरा चुक झालीये, नाही का?
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हो. चुक झाली खरी. कारण मन त्या आठवनीत रमले आनी भलतेच लिहील्या गेले.
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जाने कहा गये वो दिन कहते थे तेरी याद मे, नजरोंको हम बिछायेंगे केदार, भलतच काहितरी गाण गायल्यावर कस काय जमणार रे
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जाने कहा गये वो दिन कहते थे तेरी याद मे, नजरोंको हम बिछायेंगे <<आणि यानंतर ती केदार ची ओळ ही आहे , चाहे कही भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर तुमको ना भुल पाएंगे ... 
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Psg
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| Wednesday, March 29, 2006 - 11:36 am: |
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हृथिक चा नवा लूक पाहिला क्रिष आणि धूम २ मधला? आणि त्याची John Players ची ऍड? मी तर पार crash !!! अभिषेक ला जोरदार competition दिली यानी!
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Maudee
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| Wednesday, March 29, 2006 - 12:32 pm: |
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yes.........i do agree...... hritik john playerchya ad mahdye jabardast aalay.........mind blowing.......
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Manasvi
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| Thursday, March 30, 2006 - 1:12 pm: |
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by the way हा अभिशेक कोण?
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अहो, ह्रुतिकला मुलगा झाला परवा!
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acchha tyachhii lagech crush? ki tyache nav abheeshek?
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Zakki
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| Thursday, March 30, 2006 - 8:42 pm: |
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त्या मुलालाच्याहि एका हाताला सहा बोटे आहेत का?
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Anand2k
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| Friday, March 31, 2006 - 4:04 am: |
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राम राम मन्दली, मी आनन्द. मी काल पासुन हा बी बी वाचतोय. मला आवडला. मी ही काही लिहिन मनतोय. वाचताना मजा आली.
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Puru
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| Tuesday, April 04, 2006 - 5:35 am: |
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सगळा crush course finished so early? On thing I obesrved: Most of the crushes are really NOT crushes! You might just like somebody, that doesn't mean it is a crush! Crush is something bordering on obsession/day-dreaming about him/her Ain't it right experts??
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Maudee
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| Tuesday, April 04, 2006 - 8:37 am: |
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i donot think so...... crush is just liking somebody very much. what u have written about obession and something that is infatuation...i hope i have spelled it correctly
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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