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Milindaa
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| Monday, November 13, 2006 - 10:30 am: |
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Madya, तुझे पान आले आहे.
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Zakki
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| Monday, November 13, 2006 - 10:57 pm: |
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मद्या, नीट पाहून घे, कधी कधी एकदम लई भारी जर्दा मिसळलेला असेल! बाकी मात्र छानच असते पान, गुलकन्द, सुगंधी सुपारी, वेलदोडा, केशर, वा, वा. तबियत खूष!
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Madya
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| Tuesday, November 14, 2006 - 6:59 am: |
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hmmmm पान बघुन आपली पण तबियत खुश झाली. एकदम रापचिक. मायबोलीचा नाद खुळा.
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Bee
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| Tuesday, November 14, 2006 - 7:15 am: |
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मस्त गोड आहे मदन तुझी लाडाची लेक! तिचे जावळे अगदी मस्त आहे रे.. बारशाला बोलावल नाही मला.. की अजून व्हायचं आहे. आई आली की कळव तेंव्हा येईल रिद्धीला बघायला.
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Madya
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| Tuesday, November 14, 2006 - 7:39 am: |
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घरातल्या घरात बारसे करुन नाव ठेवले.. मोठे बारसे कोल्हापुरमध्ये करेन.
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Lalu
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| Wednesday, November 15, 2006 - 3:38 am: |
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कळवा कधी ते! फोटो मस्त आहेत!
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Madya
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| Wednesday, November 15, 2006 - 4:10 am: |
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लालु, नक्की कळवेन. january मध्ये कोल्हापुरात असेन.
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Zakasrao
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| Thursday, September 06, 2007 - 5:41 am: |
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दाद्या, इथ एवढा गुतलाय व्हय. आम्ही मर्दा तिकड कोल्हापुरच्य BB वर तुझी आठवण काढुन गप बसलो की. जानेवारीत मला पण बोलव रे भावड्या मी पण येइन भेटायला. फ़ोटो छान आहेत. पिल्लु क्युट आहे एकदम
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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