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Mansmi18
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| Thursday, September 20, 2007 - 5:00 pm: |
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अगं बाई हळदीकुंकू उतरलं संपलं वाटतं. ------------------------------------ जबरी!
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Chetnaa
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| Thursday, September 20, 2007 - 5:13 pm: |
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अगं बाई हळदीकुंकू उतरलं संपलं वाटतं>>> संपलं का? मग पुढचा विषय काय? खरोखर जबरी आहे.
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Mi chalu kelela thread sampala vatate
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chetnaa ... ata tu pudhacha jabari vishay suru kar
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Maayaboli chya founders na maze shekado abhar. Tumachya mule maza jo fayada zala ahe to mi na shabdat mandu shakat ahe na paishat moju shakat ahe. Tyamule ya note var khush raha. But really Thank you thank you very much.
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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