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tÜ Á pihlaIca BaoT JaalaI pNa AÜZhI yaugaaMcaI jaadU AXaI GaDo hI yaa dÜna laÜcanaaMcaI tI Á pihlaIca BaoT JaalaI jaDlaI ApUva- baaQaa svaPnaat gauMga JaalaI jaagaopNaat raQaa maaJaI na raihlao maI ikmayaa AXaI kuNaacaI jaadU AXaI GaDo hI yaa dÜna laÜcanaaMcaI tÜ Á DÜLo imaTUna Gaot idsatosa tU samaÜr fulavaUna pMK svaPnaI Ana naacatat maÜr JaalaI fulao saugaMQaI maaJyaahI BaavanaaMcaI jaadU AXaI GaDo hI yaa dÜna laÜcanaaMcaI tI Á laajaUna vaajatI yaa AMgaatunaI satarI eoXvaya- Gao}na ho yao dOva Aaja darI maI laagalao baGaayaa svaPnaohI maIlanaacaI jaadU AXaI GaDo hI yaa dÜna laÜcanaaMcaI gaayak Á saumana klyaaNapUrkr AaiNa AÉNa dato saMgaIt Á EaIinavaasa KLo
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Ashprash
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| Wednesday, November 16, 2005 - 6:39 pm: |
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pqa jaat Qama- ikvaaÊnaato jayaa na zavao to jaaNatat ek p`omaasa p`oma Vavao udyaat jaagaNaaáyaaÊ AitgaUZ samBa`maacao tuT\tIla naa kQaIhI ho banQa roXamaacao ÈÈ1ÈÈ ivasaÉna jaaya jaovhaÊ maaNaUsa maaNasaalaa ja,aLIt yao jagaalaaÊ ivaËaL ek jvaalaa pusatat Daga tohIÊ Qamaa-nQa AaËmaacao tuT\tIla naa kQaIhI ho banQa roXamaacao ÈÈ2ÈÈ ho banQa roXamaacaoÊzovaI japÜna jaIvaa Qaagaa AtUT hacaI p`aNaat gauntvaavaa AL hoca duba-LanaÊ dotÜ praËmaacaoÊ tuT\tIla naa kQaIih ho banQa roXamaacao
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Paragkan
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| Friday, January 06, 2006 - 4:19 pm: |
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पाखरा जा त्यजुनिया प्रेमल शीतल छाया पसरले विश्व अपार पहा भेदुनी गगनाला बघुनी ये जीवलोक सारा पिउनी अमृत घेऊनी संचित परतुनी ये घरा नाटकः वहिनी संगीतः श्रीधर पार्सेकर गायकः पु. ल. देशपांडे
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Deemdu
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| Friday, March 17, 2006 - 8:57 am: |
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पैल तो गे काउ कोकताहे, शकुन गे माये सांगताहे उड उड रे काऊ तुझे सोनेने मढवीन पाऊ, पाहुणे पांढरी राऊ घराक येती दहिभाताची उंडी लावीन तुझे तोंडी, जीवा पढीये त्याची गोडी सांग वेगी दुधे भरुनी वाटी लावीन तुझे ओठी, सत्य सांगे गोठी विठो येईल काई आंबे या दहाळे फळे चुंबी रसाळे, आजची रे काळी शकुन सांगे ज्ञानदेव म्हणे जाणिजे ये खुणे, भेटती पंढरी राणे शकुन सांगे
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Mbhure
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| Friday, April 21, 2006 - 8:01 pm: |
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मः प्रीत रंगली गं कशी राजहंसी लः अगं बाई गं लाजली हंसी, बोले नाऽऽ ती तुझ्याशी बोले ना ती तुझ्याशी मः तुझिया कपोली प्रीत रंगली गं लाजुन हसली बघ ईकडे गं धरिशी कशाला पदर उराशी लः तुझी रे हंसी, फसली कैसी पडली पाशी तिच तिची ही रमण विकासी . १ बोले ना ती तुझ्याशी मः प्रीत रगं गं..... मः रुसली राणी डोळा पाणी हास्य आणुनी नजर तुझी घे थरथरणारी वरती जराशी लः गोड बोलुनी, प्रेम दावूनी हृदय जिंकुनी, जाल सोडुनी, कुठे दूर देशी .. २ बोले ना ती तुझ्याशी मः प्रीत रंगली गं कशी राजहंसी लः अगं बाई गं लाजली हंसी, बोले नाऽऽ ती तुझ्याशी बोले ना ती तुझ्याशी चित्रपटः श्रीमान बाळासाहेब गायक, गायिकाः मन्ना डे, लता मंगेशकर संगीतः मो. शफी गीतः श्रीकांत पोवळे संग्रहः VOYAGE भाग १
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Arun
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| Friday, May 05, 2006 - 10:40 am: |
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पाहिले न मी तुला, तू मला न पाहिले ना कळे कधी कुठे मन वेडे गुंतले हिमवर्षावात ही कांति तव पाहुनि तारका नभातल्या लाजल्या मनातुनी ओघळले हिमतुशार गालावर थांबले ना कळे कधि कुठे मन वेडे गुंतले मृदु शय्या टोचते स्वप्न नवे लोचनी पाहिलेस तू तुला आरशात ज्या क्षणी रूप देखणे बघुन नयन हे सुखवले ना कळे कधि कुठे मन वेडे गुंतले चित्रपट : गुपचूप गुपचूप
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Addy
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| Friday, May 05, 2006 - 11:49 am: |
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चित्रपट गोंधळात गोंधळ नाही गुपचुप गुपचुप
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Arun
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| Friday, May 05, 2006 - 5:22 pm: |
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धन्यवाद आदिती. माझ्या पोस्ट्स मध्ये दुरुस्ती केली आहे.
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पाखरा गीत नको गाऊ कातरवेळी आतूर जीवा वेध नको लावू... शब्दाहून तव सूर बोलके कानी येता काळीज चरके विहराचे हे मुके हुंदके सांग कशी साहू, गीत नको गाऊ... रात्रंदिन जो जवळ असावा आज कुठे तो प्राण विसावा त्या प्रीतिच्या फसव्या गावा नको पुन्हा नेऊ, गीत नको गाऊ... चित्रपट: एक दोन तीन (१९६३). संगीत: एन. दत्ता. गीत: शांता शेळके. गायिका: आशा भोसले.
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vithu mauli tu mauli jagachi pandurang kanti mala hya varil ganyache lyrics miltil ka?
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Deemdu
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| Friday, July 07, 2006 - 12:23 pm: |
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http://www.aathavanitli-gani.com/Images/WordsGif/704.gif http://www.marathiworld.com/gani/images/13/13038.gif.. .. .. ..
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Closeeyes
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| Saturday, September 15, 2007 - 3:38 am: |
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Mala Purtata Mazya Vyathechi he gane have aahe aahe, kuthalyahi form madhe chalel
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