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Avdhut
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| Friday, January 20, 2006 - 10:56 am: |
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श्र जाम मजा आली वाचुन. सुरेख कथा. Limbu अरे तो धैर्यशील खजीना शोधत दुर नीघुन जातो. त्यामुळे त्या लोकांना त्याच्या किंकाळ्या एकु येत नाहीत. पण तो वाघ्या कसा बाहेर पडला हे गुढच ठेवलेले आहे. कदाचीत विश्वासरावांनी त्याला सोडला असेल.
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Yog
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| Friday, January 20, 2006 - 12:01 pm: |
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hhhhmm... श्र, लेखन शैली मस्त. शेवट मात्र fedex! , लिम्बू किती प्रश्ण ते.
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Zelam
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| Friday, January 20, 2006 - 12:13 pm: |
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श्र कथा छान आहे शेवट expected होता तरी. अरे विश्वासरावांच्या भूताने power वापरून सोडवलं वाघ्याला. हो ना श्र?
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Meggi
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| Saturday, January 21, 2006 - 1:06 am: |
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श्र, कथा मस्तच. नाववरुन शेवट कळला तरि वाचायला मजा आली. तुझी लेखन शैली वाखाण्याजोगी आहे. keep it up .
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श्र नावावरुन तर शेवट कळला होता पण वाचताना फ़ार छान वटले. नेहमिप्रमाणेच सुंदर कथा...
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