Meenu
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| Tuesday, June 06, 2006 - 12:09 am: |
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श्यामली सुंदर खरच वेदनेत ताकद असते ...
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Jyotip
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| Tuesday, June 06, 2006 - 12:29 am: |
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श्यामली खुपच छान.... ...
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प्रेमाच्या शाईत हृदय कधीच बुडालेलं नाहि नाहि म्हणता म्हणता ते पोहायला सरावलेलं... रुप...
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श्यामली नेहमीप्रमाणेच सुंदर तुषार, आर्च उत्तरास प्रत्त्युत्तर सुरेख...
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Meenu
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| Tuesday, June 06, 2006 - 2:13 am: |
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पाझरु दे शाई नको तिला थांबवुस मोकळं होईल आकाश पडुन गेल्यावर पाऊस
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Meenu
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| Tuesday, June 06, 2006 - 2:16 am: |
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सगळ्यांच्या जगण्याला कसा असणार अर्थ पाण्याला वहायला का शोधावा लागतो स्वार्थ
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Meenu
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| Tuesday, June 06, 2006 - 2:21 am: |
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नेशील ना लांब अजुन तु या देहाला कसं सांग नेशील त्या गुंतलेल्या श्वासाला
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Shyamli
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| Tuesday, June 06, 2006 - 2:22 am: |
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पाण्यासारख वाहताना भावनेलाही वेग आला दुरवर जाताना प्रत्येक कीनारा सुटत गेला श्यामली!!!
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रुप छान... मीनू, श्यामली मस्तच...
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Shyamli
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| Tuesday, June 06, 2006 - 2:28 am: |
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गुंतलेत श्वास म्हणुन तर देह आहे दास नसला जरी भास तरी आहे एक खुळी आस श्यामली!!!
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Meenu
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| Tuesday, June 06, 2006 - 2:32 am: |
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तुझी माझी जात अगं वेगळीच आहे काही किनारा धरुन जपुन वाहणं आपल्याला नाही जमणार बाई
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श्यामली... आनि मीनु... वा.. वा.. काय छान चारोळ्या आहेत... !!!! सुकलेला प्रजक्त... आणि जपुन वाहणे...!!! तुसि great हो...बेहनो...!!!
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त्या मंद फ़ुलातलं मंद हास्य मी ओळ्खलं तुझ्या अबोल्यातलं गुपितच मी फ़ोडलं... रुप...
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स्वप्नी तु आलास आणि गात्र चांदण्यात न्हाली सकाळी.. मग...तुझे स्वप्न चेहर्यावर मिरवु लागले... रात्रीचं चांदण गिरवु लागले...!!!
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काहि नको.... हळवी नजर दे फ़क्त तुझी माझ्या ओल्या नजरेला सोबत सलगीनं राहते गुंतलेपण कुणीतरी आहे माझं... साद घलणार... नजरेन... चांदण्यात आठवण काढणार जातीनं...!!!
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शुभ्र निळ्या आकाशात उमटली चांदण्यांची नक्षी आपल्या प्रितिच्या बहराला त्या सगळ्याच साक्षी... रुप...
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Poojas
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| Tuesday, June 06, 2006 - 3:00 am: |
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त्या कित्येक खोट्या शपथा वचनांचे अवघड पाश.. का तुझ्याविना भासावे पोरके मला आकाश...!!
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काय करु या पावसाचं... धिंगाणा घालतोय... मलाही सोबत घेउन नाचतोय... अवघड आहे या मनाचं.. तेही त्याला साथ देतय...!!!
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Poojas
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| Tuesday, June 06, 2006 - 3:02 am: |
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त्या सवयी स्वैर मनाच्या भुलण्याचा नित्य प्रयास.. स्वप्नांची वेडी आशा सत्याचा मिथ्य आभास..!!
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rupaali,poojaa... vaa.. vaa..chaan..!!.. .. .. .. .. ..
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