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Nandita
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| Thursday, March 02, 2006 - 6:25 am: |
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रहुल ः सहि लिहलयस!!! एकटिच वेड्यासारखी हसतेय
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Giriraj
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| Thursday, March 02, 2006 - 11:04 am: |
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खी खी! राहुल... ज़बरी हसलो!
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राहुल हहपुव.. तेही रात्रीचे बारा वाजता... >>>>लालू प्रसादला चौकात मारल पाहिजे. हे दोन्ही मायबोली वरचे कोणिऽऽऽऽऽऽ???
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Champak
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| Thursday, March 02, 2006 - 2:02 pm: |
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तुम्ही सगळे लोक का हसुण र्हायले हेत??
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Bavlat
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| Thursday, March 02, 2006 - 2:26 pm: |
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चंपक, तुला अणुमोदण रे.
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Prajaktad
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| Thursday, March 02, 2006 - 4:39 pm: |
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राहुल!धन्य आहेस रे बाबा.. हसुन पोट दुखले सौ.जोशि , कन्यका धम्माल लिहलस अगदी.
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Atul
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| Thursday, March 02, 2006 - 4:50 pm: |
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राहूल, महान आहेस , खूप हसवलस, सत्तू आणि बच्चू संवाद मस्तच!
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Eliza
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| Thursday, March 02, 2006 - 10:29 pm: |
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जय हो... राहूलजी तुस्सी महान हो!
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are he aajach vachala. baapre, rahul , mahaaaaaaaaaaaaaaan lihila ahes.
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अरे बापरे! .... .... (दुपारी १ ते ३ मधे इमेल करु नये)
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Pendhya
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| Friday, March 03, 2006 - 1:56 pm: |
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'हिंदी चित्रपटांचा समाजावर होणारा परिणाम'>>> राहूल, तुझ्या C & V चा काय परिणाम झालाय तो बघ. leela_jamenis: जोशी बाई, मी सोसायटितल्या चार जणी घेउन आले तर डिस्काउंट देता का ?>>>
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Manuswini
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| Saturday, March 04, 2006 - 12:01 am: |
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दुपारी १ ते ३ email करू नये हसून पुरेवट अगदी typical पुण्याची पाटी ना
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Upas
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| Saturday, March 04, 2006 - 1:20 am: |
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राहूल लयीच भारी.. HH च्या GTP सर झालीच पाहिजे ची आठवण झाली.. character mapping वरून.. :-)
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Aschig
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| Saturday, March 04, 2006 - 3:26 am: |
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Rahul, GREAT! ... ... ...
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Mavla
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| Saturday, March 04, 2006 - 1:30 pm: |
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राहुल अक्षरक्ष धिन्गाना घातलायस. सुरेख कल्पना, आणि फ़ुलटु धमाल. सहिच
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Rahuld
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| Sunday, March 05, 2006 - 3:00 pm: |
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राहुल, हसता हसता खुर्चिवरुन पडलो लेका. Just too good man!!!
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Jayavi
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| Monday, March 06, 2006 - 4:07 am: |
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राहुल.......आज वाचलं हे सगळं. तुस्सी ग्रेट पाजी आश्शी आहे आपली मायबोली
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Mrunmayi
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| Monday, March 06, 2006 - 4:40 am: |
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Rahul sahich. Farach changale nirikshan aahe tuze...
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राहुल पेटमें दर्द होएगाऽ
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Kusumita
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| Wednesday, March 08, 2006 - 2:27 am: |
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राहुल, हसून हसून पुरेवाट झाली.. अतिशय उच्च दर्जाचे विनोदी लेखन आहे हे!
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Meenu
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| Wednesday, March 08, 2006 - 11:43 am: |
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राहुल खुपच सुंदर लिहील आहेस
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Heartwork
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| Thursday, March 09, 2006 - 6:23 am: |
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राहुल, सॉरी इतके चान्गले विनोद इतक्या उशिरा वाचल्याबद्दल! अतिशय सुन्दर!!!!
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Avdhut
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| Thursday, March 09, 2006 - 10:00 am: |
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Rahul Great, office मधे वाचन्याचा प्रयत्न केला व सोडुन दिला. तोंड दाबुन हसणे अशक्य झाले. आता बाजुच्या South Indian ला काय translate करुन सांगणार. तो म्हणतोय Joke forward कर. एकटाच हसु नकोस.
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Gs1
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| Thursday, March 09, 2006 - 12:57 pm: |
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राहूल सही रे एकदम इथे एवढा दंगा चालू होता आणि तो मला आज दिसला... १ ते ३ ईमेल आणि इतर फटकेबाजी मस्तच..
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राहुल , सहीच काल तो my crushes चा BB असाच या लेखा सारखा कुठल्या कुठे भरकटत गेला होता . वेळ मिळाला तर वाच
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Niru_kul
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| Wednesday, March 29, 2006 - 4:50 am: |
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शूर आम्ही सरदार चे विडंबन......... (शिवरायांची क्षमा मागुनी.....) पळपुटे आम्ही सरदार...... पळपुटे आम्ही सरदार आम्हाला, पैशावरच प्रिती; देव, देश अन धर्म सोडुनी, लाच घेतली हाती. आईच्या गर्भात उमगली, लालचीपणाची रित; पैक्याशिच लगिन लागलं, जडली वेडी प्रित; पैशासाठी सारे विसरू, माया, ममता, नाती; देव, देश अन धर्म सोडुनी, लाच घेतली हाती. पैका घेऊन इमान विकावं, हेच आम्हाला ठावं; फितावं अन विकुन जगावं, हेच आम्हाला ठावं; शत्रुशी पण हात मिळवू, घेऊनी माणिक मोती; देव, देश अन धर्म सोडुनी, लाच घेतली हाती. पार्थसारथी............
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Moodi
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| Wednesday, March 29, 2006 - 5:02 am: |
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नीरज विडंबन छान आहे रे, पण बीबी चुकलास. इथे टाक हे विडंबन अन इथले उडव. /hitguj/messages/75/104116.html?1142568715 .
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