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Arch
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| Wednesday, January 04, 2006 - 6:40 pm: |
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माझ्या बाबांची ही recipe party मध्येपण hit ठरते. ताजा गरम गरम वाफ़ भरलेला भात साजूक तूप भाजलेल्या जिर्याची पावडर ताजी मिर्याची पावडर चविपुरती साखर चवीपुरत मिठ सगळ एकत्र करून fork ने केल तर वाफ़ाळलेल्या भाताचे दाणे मोडत नाहीत. हा भात करायला सोप्पा आणि चविला एकदम मस्त लागतो. आजारी माणसाच्या तोंडालाही चव येते. बघा try करून.
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Dineshvs
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| Thursday, January 05, 2006 - 4:58 pm: |
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आर्च, आताच ट्राय केला. मी एका पेपरमिलमधे भाजलेले जिरे भरुन ठेवतो. मी हिंग पण घातला. बाबांनी पण हिंग ट्राय करायला हवा. |-)
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Bee
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| Monday, September 25, 2006 - 9:02 am: |
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वर फ़क्त साहित्य दिले आहे. कृती कशी आहे ह्या भाताची?
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Arch
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| Monday, September 25, 2006 - 2:27 pm: |
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हे सगळ साहित्य एकत्र करायच की झाल. भात वाफ़ाळलेला हवा मात्र.
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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