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Priya
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| Wednesday, August 31, 2005 - 2:43 am: |
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Aca-Ê %yaatlyaa inadana qaÜD\yaa BaatacaI trI BajaI krta yaotIla. Baat qaÜDa kuskrÊ %yaat baarIk icaÉna
kaMdaÊ kÜiqaMbaIrÊ itKTÊ maIzÊ hLd AaiNa qaÜDo DaLIcao pIz Gaala. paNaI Aijabaat laagaNaar naahI. ek~
kalavaUna %yaacaI naohmaIsaarKI BajaI kr. AgadI hlakI hÜtat AaiNa ivaXvaasa basaNaar naahI [tkI KmaMga
AaiNa Cana hÜtat. hI malaa maaJyaa saasaubaaMnaI iXakvalaI.
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Prajaktad
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| Monday, December 05, 2005 - 7:31 pm: |
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आर्च थोडे तांदाळाचे पिठ हि घाल ग!छान कुरकुरित होतात.
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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