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Prady
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| Tuesday, February 28, 2006 - 3:32 am: |
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maalpohaa ki maalpowa Bee? tee ek sweetdish aahe and not pohaa. Sorry pan mala recipe nahi mahitee.
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Bee
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| Tuesday, February 28, 2006 - 5:10 am: |
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Prady- मालपोहाच वाचले आहे मी. मालपोवा कधी ऐकले नाही.
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Veenah
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| Tuesday, February 28, 2006 - 7:34 am: |
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मालपुआ म्हणजे जिलेबी च्या टेस्टचे छोटे पॅनकेक्स पाकात बुडवून करतात. त्यावर पाहिजे तर रबडी घालून खातात. मोगलाई पद्धतिच्या जेवणात विषेशता ईदला करतात.
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Vidyat
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| Friday, July 20, 2007 - 1:14 am: |
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कान्दे पोह्यात वरति गाजर किसुन घलवे. छान लगते
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Saee
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| Monday, August 27, 2007 - 11:50 am: |
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कच्चे पोहे कुणीच करत नाही का? फक्त आमच्याच घरी करतात बहुतेक.. मात्र हे पोहे खायला दात शाबूत हवेत.. कच्चे कांदापोहे कच्चे जाड पोहे, चिरलेला कच्चा कांदा, कच्चे शेंगदाणे, कच्चे तेल, चिरलेली कोथिंबीर, लाल तिखट, मीठ आणि साखर हे सगळं चांगलं एकत्र कालवायचं आणि एखादं सुंदर पुस्तक वाचताना किंवा सिनेमा बघताना चघळत खायचं! दात कमकुवत असणार्यांनी पातळ पोहे घेतले तरी चालतील पण जाड पोह्यांची चव जास्त चांगली. खरोखर झटपट, चविष्ट आणि पोटभरीचंसुध्दा.
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Runi
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| Monday, August 27, 2007 - 1:24 pm: |
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सई, अग मला माझी आई करुन द्यायची असे पोहे, मग काय तु म्हणतेस तसे एखादे गोष्टीचे पुस्तक घेवुन बसायचे २-३ तास हे पोहे खात. मला माझ्या सगळ्या शाळा आणि कॉलेजच्या उन्हाळ्याच्या सुट्ट्या आठवल्या बघ. यात कधी कधी आई कैरीचे तुकडे टाकायची.
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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