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Maudee
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| Wednesday, March 29, 2006 - 5:40 am: |
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yaat polyancha bb nahiye ani he kuthe takave he n kalalyamule navin bb start karte aahe. mala asa wicharayache aahe ki polyansathi aarogyashastrachya drustine jad pith changle ki barik pith changle??? ki tyamule kahich farak padat nahi??? koni maze he shankanirasan karu shakel ka???
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Psg
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| Wednesday, March 29, 2006 - 9:24 am: |
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जे पीठ जास्त दळल नाही ते जाड रहात! या व्यतितिक्त काही फ़रक आहे का? आरोग्याच्या दृष्टिने काय? दोन्ही पीठ गव्हाचीच ना? जाड पीठाच्या पोळ्या करायला अवघड होतील! फ़रक असेल तर काय असतो हे जाणून घ्यायची उत्सुकता वाढलिये!
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Moodi
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| Wednesday, March 29, 2006 - 9:30 am: |
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अग मौदी इथे आहे की पोळीचा बीबी. /hitguj/messages/103383/59850.html?1142903869 . बायानो, तायानो, पोरानो सोरानो अरे हुडका रे जरा, का नवीन काम देताय त्या नेमस्तकाना? मस्तक शांत राहू द्या त्यांचे. मा. नेमस्तक प्लीज हा बीबी बंद करुन ह्यातील वरचे २ मेसेज त्या विभागात हलवुन माझे पण पोस्ट उडवा. रागवु नका ग पोरीनो. 
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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