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Maanus
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| Wednesday, February 20, 2008 - 2:57 am: |
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http://www.flickr.com/photos/meghannfinn/521114769/sizes/o/ http://www.flickr.com/photos/danielpatrick/1850004853/sizes/l/ http://www.flickr.com/photos/smacknally/278589757/
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Runi
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| Wednesday, February 20, 2008 - 6:51 pm: |
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माणसा असे बंपर स्टीकर मी पण पाहीलय बर्याच गाड्यांना ईथे.
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Rajya
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| Tuesday, February 26, 2008 - 7:28 am: |
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एका ट्रकवर लिहिलं होतं श्यामलाल की गाडी ऋषिपाल का पसीना अगर प्रभु की होगी कृपा तो रोड पर चलेगी हसीना आणि एका ट्रकवर, बुरी नजरवाले, तेरा भी हो भला
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"हे असंच चालायचं!!"- एका रिक्षामागे लिहिलेलं वाक्य. विनोद सौजन्य, द.मा. मिरासदार.
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Vegayan
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| Wednesday, February 27, 2008 - 3:59 am: |
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आजच एका ट्रक वर वाचल "थोडा कम पी रानी ,महॅगा है ईराक का पानी ".
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Zakasrao
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| Wednesday, February 27, 2008 - 12:25 pm: |
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आजच वाचल एका ट्रकवर "जली को आग कहते है बुझी को राख और जो चीज तुम्हारी पास नहि है जानी उसे हम हिंदी मे दिमाग कहते है" हा बहुतेक शत्रुघ्न सिन्हा आणि राजकुमारचा फ़ॅन दिसतोय ट्रक बहुतेक हरीयाना पासिंगचा होता.
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Ladtushar
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| Thursday, February 28, 2008 - 4:53 am: |
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>>और जो चीज तुम्हारी पास नहि है जानी उसे हम हिंदी मे दिमाग कहते है" सही दिमाग लावले आहे माझ्या एका काकांचा ट्रक माफ करा वाहन आहे त्याला त्यानी अगदी छान डिसेंट सजवला आहे, आत्ता ते स्वतः मालक कम चालक असल्याने हा सर्व छंद.... ट्रक च्या समोरील बोर्ड वर public goods career चे मराठी भाषांतर : "जनता माल वाहन" आणि ट्रक च्या मागे : "क्रिए विना वाचाळता वर्थ आहे" असे लिहिले आहे आणि जवळ जवळ सर्व अक्षरे मराठितुन आहे. नं प्लेट सोडून ते पण का तर आज काल मराठी नंबर चालत नाहीत!
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काल आमच्या आफ़िस समोर एक टेम्पो (मिनि डोअर) उभा होता. त्यावर लिहिलेले वाक्य मुलगी शिकली प्रगती झाली च्या एवजी रितिका शिकली प्रगती झाली असे लिहिले होते
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मैं बहुत खूबसूरत हूँ नज़र मत लगाना ज़िंदगीभर साथ दूँगी पीकर मत चलाना (एका ट्रकच्या मागे लिहिलेले.)
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पुढे जाणार्या ट्रकच्या मागे लिहिले होते " शिस्तीने देश मोठा होतो!!!" पण अर्धा तास तो ओवर टेक करु देत नव्हता. शेवटी एका वळणावर ओवर टेक केल्यावर मागे वळुन बघितलं तर पुढच्या बाजुला लिहीले होते.... " हे असचं चालायचं......!!!!"
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Admin
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| Monday, August 11, 2008 - 5:09 am: |
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हा विभाग आता इथे हलवला आहे. /node/3009
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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